‘ऑफिस ब्वाय’ के हस्ताक्षर से हो गया था पुणे की विवादित भूमि का सौदा, अदालत में क्या-क्या बताया गया?
पुणे के भूमि सौदे में, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के पुत्र पार्थ पवार का नाम सामने आया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, करोड़ों का यह सौदा एक ऑफिस ब्वाय के हस ...और पढ़ें

अजीत पवार और पार्थ पवार। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, मुंबई। पुणे के जिस भूमि सौदे में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के पुत्र पार्थ पवार का नाम उछल रहा है, अभियोजन पक्ष के अनुसार करोड़ों का वह सौदा एक ऑफिस ब्वाय के हस्ताक्षर से संपन्न करा दिया गया था। पुलिस इस मामले में और जानकारियां जुटा रही है। जबकि कुछ आरटीआई कार्यकर्ता अंजली दमानिया ने इस मामले में संयुक्त जिला रजिस्ट्रार संतोष हिंगणे एवं पार्थ पवार को भी आरोपी बनाने की मांग की है।
अभियोजन पक्ष ने पुणे की एक अदालत को बताया है कि विवादित 300 करोड़ रुपए के पुणे भूमि सौदे की पावर ऑफ अटॉर्नी (पीओए) धारक शीतल तेजवानी के साथ काम करने वाले एक ‘ऑफिस बॉय’ ने मामले से जुड़ी एक निजी फर्म के भागीदार के रूप में महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए थे।
अभियोजन पक्ष का क्या कहना है?
अभियोजन पक्ष का कहना है कि शीतल तेजवानी जांच में सहयोग नहीं कर रही है। अदालत ने मंगलवार को इस हाई-प्रोफाइल मामले में आगे की जांच के लिए तेजवानी की पुलिस हिरासत 27 दिसंबर तक बढ़ा दी है। तेजवानी इन दिनों पिंपरी-चिंचवड कस्बे के बावधन पुलिस स्टेशन की हिरासत में है।
मंगलवार को तेजवानी की पुलिस हिरासत बढ़ाने की मांग करते हुए, अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि अब तक की गई जांच से पता चला है कि तेजवानी के साथ काम करने वाले एक ऑफिस ब्वाय ने अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी के भागीदार के रूप में हलफनामे और प्राधिकरण पत्रों जैसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए थे।
इसी कंपनी ने नियमों का उल्लंघन करते हुए पुणे के मुंढवा में सरकारी जमीन खरीदी थी। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के बेटे पार्थ पवार अमाडिया एंटरप्राइजेज में सह-भागीदार हैं, लेकिन एफआईआर में उनका नाम नहीं है।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि पुलिस इन दस्तावेजों की जांच करके यह पता लगाना चाहती है कि क्या ऑफिस बॉय और तेजवानी के बीच कोई वित्तीय लेनदेन हुआ था। अभियोजन पक्ष ने आगे कहा कि जांच का दायरा बढ़ गया है क्योंकि कुछ आरटीआई कार्यकर्ताओं ने जमीन सौदे से संबंधित नए दस्तावेज बावधन पुलिस स्टेशन में जमा किए हैं।
आरटीआई कार्यकर्ताओं की मांग
इसी बीच आरटीआई कार्यकर्ताओं अंजली दमानिया और विजय कुम्भार ने पिंपरी चिंचवड पुलिस को पत्र लिखकर मांग की है कि मामले में शिकायतकर्ता संयुक्त जिला रजिस्ट्रा संतोष हिंगणे और पार्थ पवार का नाम भी एफआईआर में शामिल किया जाए।
पिछले महीने मुंढवा के पॉश इलाके में 40 एकड़ जमीन अमाडिया एंटरप्राइजेज को 300 करोड़ रुपए में बेचने का मामला तब जांच के दायरे में आ गया, जब पता चला कि यह जमीन सरकार की है और बेची नहीं जा सकती। आरोप यह भी है कि कंपनी को 21 करोड़ रुपए के स्टांप शुल्क का भुगतान करने से भी छूट दी गई थी।

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