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    दिल्ली चुनाव 2025 में मुकाबला बेहद करीबी, पढ़िए कौन से दो फैक्टर बिगाड़ सकते हैं पार्टियों का चुनावी गणित?

    Updated: Thu, 09 Jan 2025 09:13 PM (IST)

    दिल्ली चुनाव के मतदान की तारीख नजदीक आते ही राजनीतिक सरगर्मियां तेजी से बढ़ रही हैं। इस बार हर सीट पर 11 हजार से ज्यादा मतदाता बढ़ गए हैं। पिछले चुनाव में सात सीटों पर हार और जीत का फैसला पांच हजार से भी कम वोटों के अंतर से हुआ था।15 सीटें ऐसी रहीं जिन पर 10 हजार से कम वोटों के अंतर से हार या जीत तय हुई।

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    दिल्ली चुनाव 2025 में इस बार मुकाबला पहले से कड़ा है। (फोटो: जागरण)

    नीलू रंजन, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार-जीत वाली सीटों पर वोटों का कम अंतर और बढ़े हुए मतदाता राजनीतिक दलों का चुनावी गणित बिगाड़ सकते हैं। 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणामों के विश्लेषण से साफ होता है कि सात सीटों पर हार-जीत का फैसला पांच हजार से कम वोटों के अंतर से हो गया था। जबकि 10 हजार से कम वोटों के अंतर से हार-जीत वाली सीटें 15 थीं।

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    पिछले चुनाव से 7 करोड़ अधिक बढ़ गए मतदाता

    वहीं 2020 की तुलना में हर सीट पर औसतन मतदाताओं की संख्या 11 हजार से अधिक बढ़ गई है। आगामी विधानसभा चुनाव में नए मतदाता पुराने चुनावी समीकरणों को किस तरह से प्रभावित करते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा। दरअसल 2020 में दिल्ली में लगभग 1.47 करोड़ मतदाता थे, जिनकी संख्या बढ़कर 1.55 करोड़ हो गई है।

    कम अंतर वाली सीटों पर हो सकता है 'खेला'

    70 सीटों वाली विधानसभा में इन बढ़े हुए आठ लाख मतदाताओं को अपनी ओर लाना राजनीतिक दलों के लिए बड़ी चुनौती होगी। खासतौर पर कम अंतर से हार-जीत वाली सीटों पर ये मतदाता बड़ा खेल कर सकते हैं।

    केजरीवाल ने चुनाव आयोग से की ये शिकायत

    दिल्ली की मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर अरविंद केजरीवाल के हमले को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। केजरीवाल के अनुसार उनके विधानसभा क्षेत्र में ही 13 हजार नए मतदाता आ गए हैं, जिसके खिलाफ उन्हें केंद्रीय निर्वाचन आयोग से शिकायत की है।

    10 हजार के कम मार्जिन वाली 11 सीटें जीती थी 'आप' ने

    पांच हजार से कम अंतर से हार-जीत वाली सात सीटों में से पांच आप के पास दो भाजपा के पास गई थी। इसी तरह से 10 हजार से कम अंतर से हार-जीत वाली 15 सीटों में से आप 11 और भाजपा चार सीटें जीती थी।

    2020 के चुनाव में हाशिए पर थी कांग्रेस

    यह भी ध्यान रहे कि 2020 की लड़ाई में कांग्रेस पूरी तरह हाशिए पर आ गई थी। उसे पांच फीसद से भी कम वोट मिले थे। लिहाजा लड़ाई भाजपा और आप के बीच ही सिमटी थी। इस बार अगर कांग्रेस इसे त्रिकोणीय बनाती है तो लड़ाई और तीखी होगी।

    5 फरवरी को होगा मतदान, 8 को आएंगे नतीजे

    बता दें कि दिल्ली में सभी 70 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 5 फरवरी को मतदान होगा। चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को आएंगे। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को खत्म हो रहा है। ऐसे में 23 फरवरी से पहले नई सरकार बनाने के लिए चुनाव की तारीख तय की गई है।

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