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    ठाणे नगर निगम चुनाव: बीजेपी और शिवसेना में बिगड़ी बात, अलग-अलग शुरू किया प्रचार

    Updated: Sat, 27 Dec 2025 12:11 PM (IST)

    ठाणे नगरपालिका चुनाव से पहले महाराष्ट्र में सियासी पारा चढ़ गया है। सहयोगी दल भाजपा और एकनाथ शिंदे की शिवसेना अलग-अलग चुनाव प्रचार कर रही हैं, जिससे द ...और पढ़ें

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    महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे। फाइल फोटो

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ठाणे नगरपालिका चुनाव से पहले महाराष्ट्र का सियासी पारा दिलचस्प होता दिखाई दे रहा है। पक्ष और विपक्षी की लड़ाई के बीच अब राज्य की दो सहयोगी पार्टियों में भी सियासी घमासान छिड़ गया है। सीएम फडणवीस के नेतृत्व वाली बीजेपी और डिप्टी सीएम शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना आमने-सामने खड़ी हैं। दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है।

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    ठाणे सीट को एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है। मगर, लंबे समय से बीजेपी और शिवसेना में बाद न बनने के बाद दोनों पार्टियों ने चुनावी बिगुल फूंक दिया है। बीजेपी ने पूरे शहर में कई बैनर लगाते हुए 'नमो भारत नमो ठाणे' का नारा दिया है। वहीं, बीजेपी के इस कदम से नाराज शिवसेना ने भी अलग से चुनाव प्रचार करना शुरू कर दिया है।

    बीजेपी बढ़ाएगी शिंदे की मुश्किल

    बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन को लेकर अभी तक कोई प्रस्ताव पेश नहीं किया है। वहीं, चुनाव में काफी कम समय बचा है। ऐसे में दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनावी मैदान में उतर आईं हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो अगर बीजेपी अलग चुनाव लड़ती है, तो यह शिंदे के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। इससे राज्य की सियासत में भारी भूचाल आने की संभावना है।

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    महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे। फाइल फोटो

    BMC चुनाव पर नजर

    बता दें कि 15 जनवरी को BMC के चुनाव होने वाले हैं, जिसके नतीजे 16 जनवरी को सामने आएंगे। BMC को देश की सबसे अमीर महानगरपालिकाओं की फेहरिस्त में गिना जाता है, जहां जीत के लिए सभी पार्टियों ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है।

    CM फडणवीस ने दिया था आदेश

    हालांकि, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पार्टी की कोर मीटिंग में पहले ही सभी बीजेपी नेताओं को आगाह कर दिया था कि सहयोगी दलों के खिलाफ कोई भी नेता आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं करेगा। पिछले हफ्ते सीएम फडणवीस ने दो टूक शब्दों में बीजेपी नेताओं को आदेश दिया था कि शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के नेताओं को लेकर गलत बयान नहीं दिया जाना चाहिए।

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