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    'एक-दूसरे का समर्थन करते हैं आतंकी संगठन', इजरायली राजदूत ने हमास लड़ाकों के गुलाम कश्मीर के दौरे पर जताई चिंता

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Thu, 27 Feb 2025 06:22 AM (IST)

    भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने बुधवार को उन खबरों पर चिंता जताई जिनमें इस महीने की शुरुआत में फलस्तीनी संगठन हमास के लड़ाकों के गुलाम जम्मू-कश्मीर दौरे और जैश-ए-मोहम्मद तथा लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के साथ बैठक करने की बात कही गई थी। हमास लड़ाकों की बैठक बताती है कि किस तरह ये आतंकवादी संगठन एक-दूसरे को प्रेरित कर रहे हैं।

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    इजरायली राजदूत ने हमास लड़ाकों के गुलाम कश्मीर के दौरे पर जताई चिंता

    नई दिल्ली, आइएएनएस। भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने बुधवार को उन खबरों पर चिंता जताई, जिनमें इस महीने की शुरुआत में फलस्तीनी संगठन हमास के लड़ाकों के गुलाम जम्मू-कश्मीर दौरे और जैश-ए-मोहम्मद तथा लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के साथ बैठक करने की बात कही गई थी।

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    आतंकवादी संगठन एक नेटवर्क में काम करते हैं

    उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से आतंकवादी संगठन एक नेटवर्क मेंकाम करते हैं और कई बार वे एक-दूसरे का समर्थन करने के तरीके ढूंढ लेते हैं। यह न केवल हमारे क्षेत्र के लिए, बल्कि कई देशों के लिए हानिकारक होता है।

    ये आतंकवादी संगठन एक-दूसरे को प्रेरित कर रहे हैं- अजार

    अजार ने आइएएनएस को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा कि आतंकियों के साथ हमास लड़ाकों की बैठक बताती है कि किस तरह ये आतंकवादी संगठन एक-दूसरे को प्रेरित कर रहे हैं। जाहिर है वे अपने साझा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सहयोग कर रहे हैं। यह ऐसी चीज है जिस पर हमें ध्यान देना होगा।

    अमेरिकी लड़ाकू विमान एफ-35 का जिक्र भी किया

    अमेरिकी लड़ाकू विमान एफ-35 का जिक्र करते हुए अजार ने कहा कि इसने मध्य-पूर्व के आसमान पर इजरायल का वर्चस्व स्थापित करने में अपनी उपयोगिता साबित की है। यदि भारत भी यह विमान हासिल करता है तो इसमें कोई संदेह नहीं कि इसे भी उसी प्रकार की बढ़त मिलेगी।

    बताते चलें, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया यात्रा के दौरान अमेरिका ने भारत को एफ-35 विमान देने का प्रस्ताव दिया था। पीएम मोदी के बारे में अजार ने कहा कि इजरायल उनके नेतृत्व में भारत की उपलब्धियों को प्रशंसा की दृष्टि से देखता है और उनकी मित्रता हमारे लिए बहुत प्रिय है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व में एक शक्ति के तौर पर उभर रहा है।

    इजरायली राजदूत ने भारत समेत उन देशों के नेताओं और राजनीतिक दलों से सवाल किया जो केवल फलस्तीनी अधिकारों के लिए लड़ना चाहते हैं, लेकिन हमास जैसे संगठनों की क्रूरता और इजरायल के लोगों द्वारा किए जा रहे बलिदान के खिलाफ आवाज नहीं उठाते। उन्होंने कहा कि जो फलस्तीनी हमारे साथ शांति से रहना चाहते हैं, हम उनके आत्मनिर्णय के अधिकार को मान्यता देंगे।

    हमास चार इजरायली बंधकों के शव देने को तैयार

    हमास बचे हुए चार बंधकों के शव इजरायल को देने के लिए तैयार हो गया है। फलस्तीनी संगठन ये शव बुधवार-गुरुवार की रात मर्यादित तरीके से गाजा में रेडक्रास अधिकारियों को सौंपेगा। पहले हमास ने समझौते के अनुसार 620 फलस्तीनी कैदियों की रिहाई के बाद ही शव देने का एलान किया था। इन शवों के देने के साथ ही हमास युद्धविराम के प्रथम चरण में दिए जाने वाले 33 बंधकों की संख्या पूरी कर देगा।

    33 में 25 जीवित और आठ बंधकों के शव

    इन 33 में 25 जीवित और आठ बंधकों के शव हैं। इनके बदले में इजरायल को दो हजार फलस्तीनी कैदी छोड़ने हैं। इस बीच बुधवार को इजरायल में शीरी बिबास और उनके दोनों बच्चों के शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। हजारों लोगों ने इन तीनों को अंतिम विदाई दी और परिवार को साथ होने का भरोसा दिया।