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    पहलगाम में ही छिपा है मास्टरमाइंड हाशिम मूसा? लश्कर के फारूक टीडवा ने रचाई बच निकलने की साजिश

    पहलगाम नरसंहार के मुख्य आरोपी हाशिम मूसा को उसके पाकिस्तानी हैंडलर सुरक्षित निकालने की साजिश रच रहे हैं। सुरक्षाबलों को आशंका है कि मूसा और उसके साथी पहलगाम के आसपास ही छिपे हुए हैं। लश्कर कमांडर फारूक टीडवा ने उनकी घुसपैठ और छिपने में मदद की है। जांच एजेंसियां मूसा की बैसरन में मौजूदगी की भी जांच कर रही हैं। तलाशी अभियान लगातार जारी है।

    By Jagran News Edited By: Chandan Kumar Updated: Thu, 01 May 2025 06:23 AM (IST)
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    पहलगाम क्षेत्र में आतंकियों की तलाश में जुटे सुरक्षाबल।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार पहलगाम नरसंहार के मुख्य गुनहगार हाशिम मूसा को उसके हैंडलर कश्मीर से सुरक्षित बाहर निकालने का हर संभव षड्यंत्र कर रहे हैं। इसके लिए वह अपने स्थानीय ओवरग्राउंड वर्कर मॉड्यूल का इस्तेमाल कर सकते हैं। हाशिम और उसके साथी अपने हैंडलरों से लगातार संपर्क बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

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    सूत्रों की मानें तो आतंकी पहलगाम के 25-30 किलोमीटर के दायरे में ही कहीं छिपे हुए हैं और दो अलग-अलग गुटों में बंट गए हैं। गुनहगारों को पकड़ने के लिए सुरक्षा बल ने अपना तलाशी अभियान जारी रखा हुआ है।

    फारूक अहमद टीडवा ने की आतंकियों की मदद

    हमले की जांच कर रही एजेंसियों के मुताबिक, हाशिम मूसा और उसके साथियों की गुलाम जम्मू-कश्मीर से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षित घुसपैठ को सुनिश्चित बनाने में लश्कर के कमांडर फारूक अहमद टीडवा ने मदद की है।

    फारूक अहमद टीडवा मूलत: उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के कलारूस का रहने वाला है और गत सप्ताह सुरक्षाबलों ने उसका मकान भी गिराया है। फारूक अहमद टीडवा बीते दो दशक से भी ज्यादा समय से पाकिस्तान में छिपा बैठा है। वह पहले हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी था। बाद में लश्कर का हिस्सा बन गया। इससे पहले वह कुपवाड़ा में गुलाम जम्मू-कश्मीर से आने वाले आतंकियों के लिए बतौर गाइड का काम करता था।

    जांच एजेंसियों के मुताबिक, टीडवा ने अपने स्थानीय नेटवर्क की मदद से हाशिम मूसा व उसके साथियों को कश्मीर में विभिन्न जगहों पर सुरक्षित ठिकाने उपलब्ध कराए हैं।

    क्या 21 अप्रैल को बैसरन में था मूसा?

    जांच एजेंसियां यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही हैं कि क्या हाशिम मूसा और उसके साथ नरसंहार को अंजाम देने वाले आतंकी एक दिन पहले 21 अप्रैल को बैसरन में मौजूद थे। आतंकियों के जो स्कैच और तस्वीरें जारी की गई हैं, उनके मुताबिक कुछ लोगों ने दावा किया है कि इन जैसे कुछ संदिग्ध तत्व देखे गए हैं। जांच एजेंसियों ने 21 अप्रैल को बैसरन में मौजूद रहे घोड़े वालों के अलावा वहां रेस्त्रां चलाने वाले व अन्य सेवा प्रदान करने वालों से भी इस विषय में पूछताछ की है।

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