Telecommunications Bill: टेलीकम्युनिकेशंस बिल लोकसभा में पारित, डिजिटल भारत निधि की होगी स्थापना
टेलीकम्युनिकेशंस बिल 2023 लोकसभा में पारित हो गया। बिल में साइबर सुरक्षा के लिए कानूनी फ्रेमवर्क बनाया गया है ताकि देश की संचार सेवा को सुरक्षित रखा जा सके। वहीं टेलीकाम उपकरणों के निर्माण इनोवेशन और दूर-दराज इलाकों में टेलीकाम सेवा की बहाली के लिए डिजिटल भारत निधि की स्थापना होगी। बिल में स्पेक्ट्रम के रिफार्मिंग की व्यवस्था की गई है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। टेलीकम्युनिकेशंस बिल, 2023 लोकसभा में पारित हो गया। बिल में साइबर सुरक्षा के लिए कानूनी फ्रेमवर्क बनाया गया है, ताकि देश की संचार सेवा को सुरक्षित रखा जा सके।
स्पेक्ट्रम के रिफार्मिंग की व्यवस्था
वहीं, टेलीकाम उपकरणों के निर्माण, इनोवेशन और दूर-दराज इलाकों में टेलीकॉम सेवा की बहाली के लिए डिजिटल भारत निधि की स्थापना होगी। बिल में स्पेक्ट्रम के रिफार्मिंग की व्यवस्था की गई है।
इसका मतलब हुआ कि अब 4जी के लिए आवंटित स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल 5जी सेवा के लिए भी किया जा सकेगा। अभी के नियमों के अनुसार, 4जी सेवा के लिए आवंटित स्पेक्ट्रम सिर्फ 4जी के लिए ही इस्तेमाल हो सकता है।
जल्द ही बनेगा कानून
आगामी 22 दिसंबर तक संसद का शीतकालीन सत्र चलना है और इस दौरान बिल को राज्यसभा से पारित कर दिया गया तो जल्द ही यह बिल कानून बन जाएगा। लोकसभा में बिल पर चर्चा के दौरान टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अभी किसी भी देश पर पहला हमला उसकी संचार सेवा पर किया जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए साइबर सुरक्षा के लिए कानूनी फ्रेमवर्क तैयार किया गया है। पुलिस, वन विभाग, मेट्रो, रक्षा जैसे विभाग को स्पेक्ट्रम का आवंटन बिना नीलामी के किया जा सकेगा।
प्रमोशनल कॉल के लिए उपभोक्ता की इजाजत जरूरी
उन्होंने कहा कि अभी दूर-दराज इलाके में टेलीकॉम सेवा की स्थापना के लिए यूनिवर्सल सर्विस आब्लिगेशन फंड की व्यवस्था है, जिसकी जगह पर भारत डिजिटल निधि की स्थापना की जाएगी। बिल के प्रविधानों के अनुसार, प्रमोशनल कॉल करने वालों को उपभोक्ताओं से पहले इजाजत लेनी पड़ेगी। यदि वे बिना इजाजत कॉल करते हैं तो उपभोक्ता उनके खिलाफ शिकायत कर सकता है और कॉल करने वाली कंपनियों को पचास हजार से लेकर दो लाख रुपये तक का जुर्माना देना पड़ेगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा व संप्रभुता को चुनौती, आपातकाल या विपदा काल जैसी स्थिति में सरकार किसी भी संचार सेवा या नेटवर्क को अस्थाई तौर पर अपने अधिकार में ले सकेगी। इस प्रकार की विशेष परिस्थितियों में टेलीकॉम नेटवर्क से प्रसारित होने वाले आडियो वीडियो संदेश को भी सरकार को देखने या पढ़ने का अधिकार होगा।
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