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    Telecom Bill: सेटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटन से अंतरिक्ष उद्योग को भी मिलेगा बढ़ावा, भारत की स्थिति होगी मजबूत

    By Jagran NewsEdited By: Mohammad Sameer
    Updated: Wed, 20 Dec 2023 05:00 AM (IST)

    सेटेलाइट आधारित दूरसंचार सेवा को भविष्य की तकनीक माना जा रहा है। एयरटेल की प्रमोटर कंपनी भारती समूह की सेटेलाइट संचार सेवा देने वाली कंपनी वनवेब भारत की सबसे प्रमुख कंपनी है। वैसे एलन मस्क की कंपनी स्टार¨लक भी वैश्विक स्तर पर दूरसंचार सेवा देने की मंशा रखती हैं। अमेजन भी इस क्षेत्र में उतरने की घोषणा कर चुकी है।

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    सेटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटन से अंतरिक्ष उद्योग को भी मिलेगा बढ़ावा

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सोमवार को लोकसभा में पेश दूरसंचार विधेयक समूचे दूरसंचार क्षेत्र में कई तरह के बदलाव लाने वाला साबित हो सकता है। अगर यह सेटेलाइट आधारित दूरसंचार सेवा को बढ़ावा देकर मौजूदा दूरसंचार कंपनियों के सामने कुछ चुनौतियां पैदा कर सकता है तो यह देश को आपातकालीन परिस्थिति में ज्यादा सुरक्षित भी कर सकता है।

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    खासतौर पर जिस तरह से राष्ट्र के आर्थिक व रणनीतिक हितों में संचार का महत्व बढ़ता जा रहा है, उसे देखते हुए इसमें कई प्रविधान किए गए हैं। इससे यह भी उम्मीद की जा रही है कि मोबाइल फोन सेवा के ग्राहकों को अंतत: कंपनियों की मनमानी काल से निजात मिल जाएगी। स्पेक्ट्रम का प्रबंधन एक पारदर्शी व्यवस्था होगी जो सरकार को कंपनियों से स्पेक्ट्रम वापस लेने का भी अधिकार देगा।

    विधेयक में इस बात का पूरा ख्याल रखा गया है कि अगर दूरसंचार को लेकर भविष्य में कोई नई प्रौद्योगिकी विकसित होती है तो उसका भी नियंत्रण सरकार के हाथ में रहे। अगर यह विधेयक कानून का रूप लेता है तो पूर्व में जिस तरह से केंद्र सरकार ने मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटित किया है उसी तरह से आने वाले दिनों सेटेलाइट आधारित सेवा देने की तैयारियों में जुटी कंपनियों के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित किए जा सकते हैं।

    सेटेलाइट आधारित दूरसंचार सेवा को भविष्य की तकनीक माना जा रहा है। एयरटेल की प्रमोटर कंपनी भारती समूह की सेटेलाइट संचार सेवा देने वाली कंपनी वनवेब भारत की सबसे प्रमुख कंपनी है। वैसे एलन मस्क की कंपनी स्टार¨लक भी वैश्विक स्तर पर दूरसंचार सेवा देने की मंशा रखती हैं।

    अमेजन भी इस क्षेत्र में उतरने की घोषणा कर चुकी है। भारत की सेटेलाइट संचार से जुड़ी कंपनियों के संगठन एसएआइ-इंडिया सरकार ने प्रस्तावित कानून का स्वागत करते हुए कहा कि यह भविष्य की संभावनाओं का पूरा लाभ उठाने वाला कदम होगा। यह देश में कई तरह की नई तरह की दूरसंचार सेवाएं देने का माध्यम बनेगा जिससे अंतत: देश के रणनीतिक हितों की रक्षा होगी और आम ग्राहकों को भी फायदा होगा।

    जैसे समुद्री क्षेत्र में संचार देने, सेटेलाइट टू होम सेवा देने, अंतरराष्ट्रीय काल करने में, राष्ट्रीय स्तर पर लंबी दूरी के फोन करने जैसी सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकेगा।

    अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की स्थिति होगी मजबूत

    इंडियन स्पेस एसोसिएशन (इस्पा) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट (सेवानिवृत्त) का कहना है कि वैश्विक स्तर पर पारदर्शी तरीके से प्रशासनिक पद्धति के जरिये सेटेलाइट स्पेक्ट्रम का आवंटन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की अंतरिक्ष क्षेत्र में स्थिति को और मजबूत करेगा। भारत का अंतरिक्ष सेक्टर अभी शैशव अवस्था में है और इस तरह से केंद्र का समर्थन पूरे सेक्टर को पारदर्शी बनाएगा व स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा। इससे डिजिटल सेक्टर में एक महाशक्ति बनने की तरफ भारत तेजी से अग्रसर होगा।

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