Telangana Tunnel Collapse:सुरंग में फंसे लोगों का रेस्क्यू जारी, रेलवे साथ लाया प्लाज्मा कटर और ब्रॉचो कटिंग मशीन
तेलंगाना के SLBC सुरंग में हुए ढहने के बाद फंसे आठ श्रमिकों को बचाने के लिए बचाव कार्य जारी है। दक्षिण मध्य रेलवे (SCR) ने मलबे को हटाने के लिए धातु काटने की मशीनों और विशेषज्ञ टीमों को तैनात किया है। सिंचरेनी कोलियरीज़ ने भी 200 कर्मियों को चार शिफ्टों में बचाव कार्य में लगाया है। मंत्री ने ऑपरेशन को दो दिनों में पूरा होने की संभावना जताई है।
पीटीआई, नई दिल्ली। SLBC सुरंग में 6 दिनों से फंसे 8 लोगों के रेस्क्यू में जुटी बचाव टीम में साउथ सेंट्रल रेलवे में शामिल हो गया है। एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि रेलवे बचाव दल टीम के साथ मिलकर लोगों की खोजबीन में जुटी है।
दक्षिण मध्य रेलवे (SCR) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ए श्रीधर ने कहा कि रेलवे के पास प्लाज्मा कटर और ब्रॉचो कटिंग मशीन जैसे उपकरणों का इस्तेमाल करके भारी धातुओं को काटने का अनुभव है।
रेलवे मदद के लिए आया सामने
ए श्रीधर ने पीटीआई को बताया कि "जिला कलेक्टर, नगर कर्नूल ने बचाव कार्य में मदद के लिए दक्षिण मध्य रेलवे से सहायता मांगी है ताकि लोहे और स्टील के मलबे को हटाया जा सके जो घटनास्थल पर रेस्क्यू में बाधा डाल रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि एससीआर ने कॉल का तुरंत जवाब दिया और बचाव मिशन में धातु काटने के विशेषज्ञों की दो टीमों को तैनात किया। पहला बैच, जिसका नेतृत्व एस मुरली, विभागीय यांत्रिक इंजीनियर कर रहे थे, जिसमें एक वरिष्ठ अनुभाग इंजीनियर, 13 वेल्डर और सिकंदराबाद से दो तकनीशियन शामिल थे, साइट पर पहुंच गए हैं और जिम्मा को संभाल लिया है। विशेषज्ञों का दूसरा बैच भी पहले टीम का समर्थन करने के लिए रात को साइट पर पहुंच गया।
इस बीच, नागरकुर्नूल के पुलिस अधीक्षक वैभव गायकवाड़ ने कहा कि धातु काटने और मलबा साफ करने की प्रक्रिया लगातार चल रही है।
सिंचाई मंत्री ने क्या कहा?
तेलंगाना के सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने गुरुवार को कहा कि बचाव और राहत कार्य पूरी गति से चल रहे हैं और यह ऑपरेशन दो दिनों में पूरा होगा। उन्होंने कहा, "एक टीम सुबह 7 बजे सुरंग में गई। मलबे की सफाई कल सुबह से चल रही है। पानी निकालने का काम भी चल रहा है।"
मंत्री ने बुधवार को कहा कि जो TBM (टनल बोरिंग मशीन) अंदर फंसी हुई है, उसे गैस कटर का उपयोग करके टुकड़ों में काटा जाएगा और निकाला जाएगा। इसके बाद, सेना, नौसेना, रैट माइनर और NDRF टीमें अपनी सुरक्षा से समझौता किए बिना लापता आठ व्यक्तियों को बचाने के लिए एक और गंभीर प्रयास करेंगी।
सुरंग में फंसे हैं ये लोग?
22 फरवरी को श्रीसैलम लेफ्ट बैंक नहर (SLBC) सुरंग परियोजना पर काम कर रहे आठ कर्मचारी एक हिस्से के ढह जाने के बाद फंस गए।
- फंसे हुए व्यक्तियों की पहचान मनोज कुमार (उत्तर प्रदेश), श्री निवास (उत्तर प्रदेश), सनी सिंह (जम्मू और कश्मीर), गुरप्रीत सिंह (पंजाब) के तौर पर की गई है।
- इसके अलावा झारखंड के रहने वाले संदीप साहू, जिगता एक्सेस संतोष साहू और अनुज साहू भी शामिल हैं।
- आठ में से, दो इंजीनियर हैं, दो ऑपरेटर हैं और बाकी चार झारखंड के श्रमिक हैं।
- दो इंजीनियर और चार श्रमिक जयप्रकाश एसोसिएट्स द्वारा नियुक्त हैं, जो एसएलबीसी टनल परियोजना की ठेकेदार फर्म है।
रेस्क्यू में तैनात किए गए 200 लोग
इस बीच, सिंगरेनी कोलियरीज़ कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि सरकार के निर्देशों के अनुसार, कोयला खननकर्ता ने SLBC सुरंग में चल रहे बचाव कार्यों के लिए 200 कर्मियों को तैनात किया है। इन लोगों को निरंतर और कुशल प्रगति सुनिश्चित करने के लिए चार शिफ्टों में व्यवस्थित किया गया है।
प्रेस रिलीज में कहा गया, "हमारे कर्मचारी अच्छी तरह से प्रशिक्षित, उच्च कौशल वाले और कई कटिंग उपकरणों के इस्तेमाल करने में सक्षम हैं। इसके अलावा, बचाव टीमों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक चिकित्सा ज्ञान से पूरी तरह से लैस किया गया है।"
"टीमें सुरंग खोदने वाली मशीन तक ट्रैक लाइन को बहाल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं, जबकि एक साथ स्लश और अन्य सामग्रियों को टब में लोड कर रही हैं।" सिंगरेनी कोलियरीज़ कंपनी लिमिटेड
सिंगरेनी कोलियरीज़ कंपनी लिमिटेड ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन के सफल होने में अभी कुछ वक्त लगेगा।
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