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    Telangana Tunnel Accident: खोजी कुत्तों के बाद सुरंग के अंदर भेजे गए रोबोट, 16 दिन से फंसे हैं कई मजदूर; अब तक क्या हुआ?

    Updated: Tue, 11 Mar 2025 12:14 PM (IST)

    अब इस अभियान में रोबोट भी शामिल हो गए हैं। हैदराबाद स्थित रोबोटिक्स कंपनी की टीम रोबोट के साथ मंगलवार सुबह सुरंग के अंदर गई।110 बचावकर्मी भी सुरंग में गए। तेलंगाना सरकार ने बचावकर्मियों को किसी भी तरह के खतरे से बचाने के लिए रोबोट तैनात करने का फैसला किया है। सरकार ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए करोड़ों खर्च करेगी।

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    16 दिन से सुरंग में फंसे मजदूर (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नागरकुरनूल। तेलंगाना के नागरकुरनूल में आंशिक रूप से ध्वस्त SLBC सुरंग में फंसे सात लोगों का पता लगाने के लिए अभियान जारी है। अब इस अभियान में रोबोट भी शामिल हो गए हैं। हैदराबाद स्थित रोबोटिक्स कंपनी की टीम रोबोट के साथ मंगलवार सुबह सुरंग के अंदर गई।110 बचावकर्मी भी सुरंग में गए।

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    तेलंगाना सरकार ने बचावकर्मियों को किसी भी तरह के खतरे से बचाने के लिए रोबोट तैनात करने का फैसला किया है, क्योंकि सुरंग के अंदर पानी और कीचड़ जैसी स्थितियों से परेशानी का सामना करना पड़ा है।

    ऑपरेशन के लिए 4 करोड़ खर्च करेगी सरकार 

    राज्य के सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने 8 मार्च को कहा कि सरकार रोबोट विशेषज्ञों की सेवाओं का इस्तेमाल करके ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए चार करोड़ रुपये खर्च करेगी। एन उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा था कि विशाल टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के टुकड़े पानी में डूब गए, सुरंग के अंदर मिट्टी और पत्थरों के कारण बचाव दल के लिए खतरा पैदा हो गया।

    सुरंग के अंदर रोबोट का इस्तेमाल

    2 मार्च को सुरंग का दौरा करने वाले मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने बचाव कर्मियों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे अधिकारियों को सुझाव दिया कि यदि आवश्यक हो तो सुरंग के अंदर रोबोट का इस्तेमाल करें।

    कैडवर डॉग स्क्वाड, रोबोट, बचाव अभियान में जुटी सेना की टीम

    एनडीआरएफ, सरकारी खनन कंपनी सिंगरेनी कोलियरीज, रैट माइनर्स और अन्य की टीमें कैडेवर डॉग्स और रडार सर्वे द्वारा बताए गए विशिष्ट स्थानों पर काम कर रही हैं ताकि सात लोगों का पता लगाया जा सके।

    हैदराबाद में राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वेक्षणों के मार्गदर्शन में बचाव कर्मी संदिग्ध स्थानों पर प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इससे पहले इस बचाव कार्य में केरल पुलिस की भी सहायता ली गई।

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