गिट्टी में घंटों दबे रहे लोग, चीख-पुकार सुन कांप गई रूह; लोगों ने सुनाया तेलंगाना हादसे का आंखों देखा हाल
Telangana Bus Accident: तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले में एक भीषण सड़क हादसे में गिट्टी से लदे डंपर ने यात्रियों से भरी बस को टक्कर मार दी, जिससे 20 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। डंपर गलत दिशा में चल रहा था और टक्कर इतनी भयानक थी कि वह पलट गया, जिससे गिट्टी बस यात्रियों पर गिर गई, जिससे चीख-पुकार मच गई।

तेलंगाना में बस हादसे के बाद का मंजर। फोटो - पीटीआई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले में बीते दिन एक भीषण सड़क हादसा देखने को मिला। गिट्टी से लदा एक डंपर मौत बनकर सामने से आया और यात्रियों से भरी बस को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भयानक थी कि 20 लोगों की मौत हो गई और कई लोग बुरी तरह से घायल हैं।
बस से टकराने के बाद डंपर मौके पर ही पलट गया और उसमें भरी गिट्टी यात्रियों पर गिर गई। ऐसे में लोग चाहकर भी वहां से नहीं भाग पाए और पूरा इलाका चीख-पुकार से दहल उठा।
ड्यूटी पर जा रहा हेड कांस्टेबल अस्पताल में भर्ती
हादसे के बाद भी लोग घंटों गिट्टी में दबे मदद मांगते रहे। बस में सवार एक 55 वर्षीय हेड कांस्टेबल आर वैंकटैया के अनुसार, एक पल के लिए ऐसा लगा जैसे पूरी दुनिया ही उजड़ गई। हम वहां से हिल नहीं सकते थे और न ही ठीक से सांस ले पा रहे थे। वैंकटैया अपनी ड्यूटी पर जा रहे थे, लेकिन अब वो अस्पताल में भर्ती हैं।
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तेलंगाना बस हादसे के बाद मची चीख-पुकार। फोटो - पीटीआई
27 वर्षीय महिला टीचर सी श्री सई ने भी सुबह 5 बजे स्कूल के लिए बस पकड़ी थी। उनका कहना है-
मैं बस में सबसे पीछे बैठी थी। लगभग 1 घंटे बाद अचानक यह हादसा हो गया। पूरी बस बुरी तरह से चकनाचूर हो गई। लोग दर्द से चिल्ला रहे थे। एक पल में सबकुछ बदल चुका था।
डंपर उल्टी दिशा में चल रहा था और उसने सामने से बस को टक्कर मारी थी। ऐसे में बस ड्राइवर के पीछे बैठे लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने बस को काटकर शवों को बाहर निकाला। वहीं, काफी देर की मशक्कत के बाद गिट्टी में दबे लोगों को भी निकाला जा सका।
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तेलंगाना बस हादसे के बाद टूटी पड़ी बस और बिखरी गिट्टी। फोटो- एएनआई
खिड़की तोड़कर बचाई जान
बस में सवार मोहम्मद यूनुक नामक एक अन्य पैसेंजर ने बताया, "मैं बस के बीच में खड़ा था। डंपर की टक्कर के बाद मैं एक तरफ जाकर गिर गया। तभी डंपर में भरी गिट्टी हमारे ऊपर गिरने लगी और हमें लगा अब नहीं बचेंगे। हालांकि, मैं सीट पर नहीं बैठा था, इसलिए किसी तरह खिड़की तोड़कर बाहर निकलने में कामयाब रहा।"
एक अन्य यात्री के अनुसार, "गिट्टी मेरी गर्दन तक जमा हो गई थी। उस समय मेरे लिए हिल पाना भी मुश्किल था। मैं दर्द में कराहते लोगों की आवाज सुन रहा था, लेकिन चाहकर भी कुछ नहीं कर सका।"
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