सिंगल सीटर हल्का विमान, कलाबाजी में माहिर... पढ़ें क्या है फाइटर जेट तेजस की खासियत
दुबई एयर शो में तेजस विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें पायलट की मौत हो गई। यह विमान भारत की स्वदेशी क्षमता का प्रतीक है। तेजस का उत्पादन 2007 में शुरू हुआ था और यह 4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है। यह हवाई रक्षा, जमीन पर हमला और समुद्री हमले में सक्षम है। तेजस एमके 2 जल्द ही भारतीय वायुसेना में शामिल होगा और यह कई मिसाइलों से लैस होगा।

मिराज 2000 की जगह लेंगे तेजस मार्क 2। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तेजस विमान शुक्रवार को दुबई एयर शो में कैश हो गया है। इस हादसे में पायलट की भी मौत हो गई है। सामने आए वीडियो में तेजस लड़ाकू विमान टेक आफ के कुछ देर बाद जमीन पर गिरता दिखाई दे रहा है। तेजस लड़ाकू विमान भारत की स्वदेशी क्षमता का प्रतीक है। आइये जानते हैं कि इस विमान की क्षमताएं क्या हैं और आने वाले समय में देश की सुरक्षा में इसकी क्या भूमिका होगी।
2007 में शुरू हुआ था तेजस का उत्पादन
एयरक्राफ्ट का आधिकारिक नाम तेजस चार मई, 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था। तेजस सीरीज का उत्पादन 2007 में शुरू हुआ था। एक जुलाई, 2016 को भारतीय वायुसेना ने तेजस का पहला स्क्वाड्रन बनाया और दूसरी स्क्वाड्रन का निर्माण वहीं एक अप्रैल, 2020 को हुआ।
सिंगल सीटर हल्का लड़ाकू विमान
तेजस एक हल्का भारतीय लड़ाकू विमान है। एक सीट और एक जेट इंजन वाले इस स्वदेशी एयरक्राफ्ट का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने किया है। यह 4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है।
कलाबाजी दिखाने में माहिर
तेजस का फ्लाइट कंट्रोल सिस्म कलाबाजी दिखाने में माहिर है। विमान का ढांचा कार्बन फाइबर से बना हुआ है, जो इसे धातु की तुलना में बहुत हल्का और मजबूत बनाता है। इसके भीतर सेंसर तरंग रडार लगा है, जो दुश्न के विमान से लेकर जमीन से हवा में दागी गई मिसाइल की जानकारी पायलट को देता है। तेजस एमके। पहले से ही भारतीय वायुसेना के पास था। तेजस एमकेए इसका एडवांस वर्जन है। अत्याधुनिक तकनीक और सिस्टम के साथ यह विमान और भी ज्यादा ताकतवर हो गया है।
मिराज 2000 जैसी क्षमताओं से लैस होंगे तेजस मार्क 2
तेजस लड़ाकू विमान हवाई रक्षा, जमीन पर हमला और समुद्री हमले में परी तरह सक्षम है। तेजस विमान 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम है। इसमें दुश्मन पर हमला करने के लिए हवा से हवा में मार करने वाली डर्बी मिसाइल लगी है। वहीं हवा से जमीन
पर हमला करने के लिए विमान आधुनिक लेजर गाइडेड बमों से लैस है। ताकत में तेजस पुराने मिग से कहीं आगे है। इसकी तुलना मिराज 2000 से की जाए तो गलत नहीं होगा। आने वाले समय में अपग्रेड के साथ तेजस विमान मिराज 2000 की जगह लेंगे।
ब्रम्होस एनजी से लैस होगा तेजस एमके 2
वहीं तेजस एमके 1 का एडवांस वर्जन जल्द ही भारतीय वायुसेना को मिलने वाला है। तेजस एमके 2 भी जल्द ही भारतीय वायुसेना में शामिल होगा।
यह 4.5 पीढ़ी का मल्टी रोल फाइटर जेट है, इसमें जनरल इलेक्ट्रिक के एफ-414 इंजन लगाएं जाएंगे। यह स्वदेशी उत्तम एक्टिव इलेक्ट्रानिकली स्कैंड ऐरे (एइएसए) रडार से लैस होगा। तेजस एमके 2 हवा से हवा से मार करने वाली अस्त्र-एमके-2 मिसाइल, हवा से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस एनजी, एंटी रेडिएशन मिसाइल रूद्रम-2 और मीटियोर जैसी लंबी दूरी तक हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस होगा।

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