महाकुंभ में चाय की दुकान वाले हुए मालामाल, कमाई जानकर रह जाएंगे हैरान
डन और ब्रैडस्ट्रीट की रिपोर्ट के अनुसार प्रयागराज में करोड़ों लोगों का एकत्र होना विशाल आर्थिक गतिविधियों का कारण बना जिसमें प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष और प्रेरित खर्च शामिल हैं। कंपनी ने डाटा आधारित दृष्टिकोण अपनाया है जिसमें डेस्क रिसर्च को स्वामित्व वाले आर्थिक माड¨लग तकनीकों के साथ एकीकृत किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि महाकुंभ से 2.80 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक गतिविधियों का सृजन हुआ।

पीटीआई, मुंबई। प्रयागराज में हाल ही में संपन्न हुआ महाकुंभ मेला एक आर्थिक महाकुंभ भी था और इसने 2.08 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक गतिविधि का सृजन किया है। यह जानकारी मंगलवार को एक रिपोर्ट में दी गई। पहले जारी किए गए कुछ अनुमानों में कुल आर्थिक गतिविधियां दो लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी।
डन और ब्रैडस्ट्रीट की रिपोर्ट के अनुसार वहां करोड़ों लोगों का एकत्र होना विशाल आर्थिक गतिविधियों का कारण बना, जिसमें प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष और प्रेरित खर्च शामिल हैं। कंपनी ने डाटा आधारित दृष्टिकोण अपनाया है, जिसमें डेस्क रिसर्च को स्वामित्व वाले आर्थिक माड¨लग तकनीकों के साथ एकीकृत किया गया है।
महाकुंभ से 2.80 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक गतिविधियां हुई
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 के महाकुंभ से 2.80 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक गतिविधियों का सृजन होने का अनुमान है। प्रत्यक्ष गतिविधियां 90,000 करोड़ रुपये की आंकी गई है। इसमें परिवहन, आवास, भोजन, पर्यटन सेवाएं और स्थानीय व्यापार सहित उपस्थित लोगों द्वारा किए गए व्यय शामिल हैं।
स्थानीय अर्थव्यवस्था में हुई वृद्धि
अप्रत्यक्ष प्रभाव की गतिविधियां 80,000 करोड़ रुपये आंकी गई है। अप्रत्यक्ष प्रभाव सीधे प्रभावित क्षेत्रों में बढ़ती मांग के प्रति आपूर्ति श्रृंखला की प्रतिक्रिया से आता है जैसे कि होटल बुकिंग बढ़ने के कारण आदि। कंपनी ने कहा कि कुंभ के समावेशी प्रभाव के कारण स्थानीय अर्थव्यवस्था में व्यय में वृद्धि हुई है, जिसके कारण श्रमिकों ने आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और दैनिक आवश्यक वस्तुओं में पुनर्निवेश किया है।
कंपनी ने कहा कि इससे 1.10 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा। खर्च वर्गीकरण के नजरिये से 2.30 लाख करोड़ रुपये को उपभोग व्यय के रूप में चिह्नित किया गया है, जबकि शेष 50,000 करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे के निर्माण पर पूंजीगत व्यय है।
अकेले परिवहन ने उपभोग व्यय में आधा योगदान दिया
रिपोर्ट में कहा गया है कि अकेले परिवहन ने उपभोग व्यय में आधा योगदान दिया, और इसे 37,000 करोड़ रुपये आंका गया, जिसमें से अकेले रेलवे ने 17,700 करोड़ रुपये कमाए। रिपोर्ट के अनुसार, तीर्थयात्रियों ने हेलिकॉप्टर जायराइड, हाट एयर बैलून राइड, एटीवी राइड और एडवेंचर स्पोर्ट्स, मनोरंजन पार्क में प्रवेश, योग सत्र और गाइड के साथ शहर के दौरे जैसी मनोरंजक गतिविधियों पर 10,000 करोड़ रुपये खर्च किए।
इसमें बताया गया है कि खुदरा व्यापार में लगे लगभग दो लाख विक्रेताओं ने 7,000 करोड़ रुपये की गतिविधियां कीं, जबकि खाद्य सेवाओं ने 6,500 करोड़ रुपये कमाए। अकेले चाय की दुकान वालों ने प्रतिदिन 30,000 रुपये तक कमाए जबकि पूड़ी की दुकान वालों ने कुंभ अवधि के दौरान औसतन 1,500 रुपये प्रतिदिन कमाए।
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