बंगाल नैनो कार प्लांट मामले में टाटा के मुआवजे पर हाई कोर्ट में होगी सुनवाई, ममता सरकार की याचिका खारिज
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिंगुर में नैनो कार फैक्ट्री नहीं लगने पर टाटा मोटर्स को 766 करोड़ रुपये के मुआवजे के मामले की सुनवाई कलकत्ता हाई कोर्ट करेगा। तीन सदस्यीय मध्यस्थ न्यायाधिकरण ने ममता सरकार को सिंगुर में नैनो फैक्ट्री बनने के बावजूद वहां से जाने को मजूबर होने को लेकर टाटा समूह को 765 करोड़ 78 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थ न्यायाधिकरण के अध्यक्ष के खिलाफ ममता सरकार द्वारा दायर मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को बरकरार रखा है। साथ ही शीर्ष अदालत ने राज्य की याचिका खारिज कर दी।
सुप्रीम कोर्ट में ममता सरकार की याचिका को किया खारिज
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिंगुर में नैनो कार फैक्ट्री नहीं लगने पर टाटा मोटर्स को 766 करोड़ रुपये के मुआवजे के मामले की सुनवाई कलकत्ता हाई कोर्ट करेगा। मामले की सुनवाई 12 अगस्त को न्यायमूर्ति अनिरुद्ध राय की पीठ में होनी है।
तीन सदस्यीय मध्यस्थ न्यायाधिकरण ने ममता सरकार को सिंगुर में नैनो फैक्ट्री बनने के बावजूद वहां से जाने को मजूबर होने को लेकर टाटा समूह को 765 करोड़ 78 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था।
सिंगुर में नैनो फैक्ट्री बनाने को लेकर जुड़ा है मुद्दा
राज्य ने फैसले के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने राज्य की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए राज्य ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
टाटा को 1000 एकड़ जमीन दी गई थी
मालूम हो कि 2006 के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने हुगली के सिंगुर में टाटा नैनो कार फैक्ट्री परियोजना की घोषणा की। इसके लिए टाटा को 1000 एकड़ जमीन दी गई। जमीन अधिग्रहण के खिलाफ तत्कालीन विरोधी दल नेता ममता बनर्जी ने जबरदस्त आंदोलन किया और तैयार फैक्ट्री को छोड़कर सिंगुर से टाटा को गुजरात जाना पड़ा।
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