Tariffs War: ट्रंप के टैरिफ वॉर से भारत को होगा जबरदस्त फायदा, सरकार को करना होगे ये काम
Tariff War अमेरिका ने कनाडा और मैक्सिको से होने वाले आयात पर 25 प्रतिशत का शुल्क लगा दिया है। दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच शुरू हो चुकी इस व्यापारिक लड़ाई का फायदा भारत को मिल सकता है। अमेरिका के बाजार में स्मार्टफोन व अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का निर्यात पहले से ही लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत को प्रोसेस्ड फूड मांस के निर्यात में भी बढ़ोतरी का मौका मिलेगा।
राजीव कुमार, नई दिल्ली। अमेरिका ने कनाडा और मैक्सिको से होने वाले आयात पर 25 प्रतिशत का शुल्क मंगलवार से लगा दिया। चीन की वस्तुओं पर भी 20 प्रतिशत का शुल्क लगाया गया है। दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच शुरू हो चुकी इस व्यापारिक लड़ाई का फायदा भारत को मिल सकता है, क्योंकि भारत से अमेरिका निर्यात होने वाली वस्तुओं पर अभी अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया गया है।
दूसरी तरफ शुल्क में बढ़ोतरी से चीन, मैक्सिको व कनाडा से अमेरिका में आने वाली वस्तुएं महंगी हो जाएंगी जबकि भारतीय वस्तुएं अपेक्षाकृत सस्ती होंगी। शुल्क में बढ़ोतरी करने से चीन और मैक्सिको से आने वाली इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं, गारमेंट, घरेलू इस्तेमाल वाले उत्पाद, खाने-पीने की वस्तुएं अमेरिका में महंगी हो जाएंगी। ऐसे में अमेरिका में भारत से आने वाली इन वस्तुओं की मांग बढ़ सकती है।
भारत को क्या मिलेगा फायदा?
अमेरिका के बाजार में स्मार्टफोन व अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का निर्यात पहले से ही लगातार बढ़ता जा रहा है। अब इसमें और बढ़ोतरी हो सकती है। भारत को प्रोसेस्ड फूड, मांस, फल, सब्जी के निर्यात में भी बढ़ोतरी का मौका मिलेगा।
मैक्सिको अमेरिका को सालाना 10 अरब डॉलर की सब्जी तो 11 अरब डॉलर के फलों का निर्यात करता है। वर्ष 2024 में चीन ने अमेरिका को 438 अरब डॉलर की वस्तुओं का निर्यात किया था। मैक्सिको और कनाडा भी अमेरिका को सालाना 400 अरब डॉलर से अधिक का निर्यात करते हैं।
अमेरिकी व्यापार विभाग के मुताबिक भारत अमेरिका को सालाना 90 अरब डॉलर का निर्यात करता है। अमेरिका के जवाब में चीन ने भी वहां से आने वाले सोयाबीन, मांस व गेहूं जैसे कई आइटम पर 15 प्रतिशत का शुल्क लगा दिया है।
भारत को पारस्परिक शुल्क को करना होगा कम
विदेश व्यापार के विशेषज्ञों के मुताबिक भारत को इस अवसर का फायदा उठाने के लिए अमेरिका से होने वाली उन वस्तुओं के आयात पर शुल्क को कम करना होगा, जिन वस्तुओं का भारत अधिक मात्रा में अमेरिका निर्यात करता है। उदाहरण के लिए भारत से अमेरिका जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं पर अमेरिका औसत 0.4 प्रतिशत का शुल्क लेता है जबकि भारत अमेरिका से आने वाली इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं पर 7.64 प्रतिशत का शुल्क वसूलता है।
कृषि और संबंधित वस्तुओं पर पारस्परिक रूप से भारत 32 प्रतिशत अधिक शुल्क वसूलती है। अमेरिका भारत के साथ भी पारस्परिक शुल्क लगाने की घोषणा कर चुका है। संभावना है कि अप्रैल से यह लागू होगा। हालांकि यह तय होना बाकी है कि इसका आधार क्या होगा। वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल अगले माह से अमेरिका के साथ व्यापार समझौते की वार्ता को शुरू करने के बारे में बातचीत करने के लिए अभी अमेरिका के दौरे पर हैं।
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