Tamilnadu में RSS को 50 में से सिर्फ तीन जगह रूट मार्च निकालने की अनुमति, हाई कोर्ट पहुंचा मामला
Tamilnadu में RSS को 50 में से सिर्फ तीन जगह रूट मार्च निकालने की अनुमति दी गई है। जिसके चलते ये मामला मद्रास हाई कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में चार नवंबर को फैसला सुनाया जाएगा। बता दें कि कानून व्यवस्था बिगड़ने का हवाला देकर अनुमति नहीं दी है।

चेन्नई, प्रेट्र। तमिलनाडु पुलिस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को छह नवंबर को सिर्फ तीन स्थानों पर 'रूट मार्च' निकालने और जनसभाएं करने की अनुमति दी है, जबकि 47 अन्य स्थानों पर कानून व्यवस्था बिगड़ने का हवाला देते हुए आरएसएस को ऐसा करने की अनुमति नहीं दी है।
मद्रास हाई कोर्ट पहुंचा मामला
मामला मद्रास हाई कोर्ट पहुंच गया है। राज्य के लोक अभियोजक हसन मोहम्मद जिन्ना और पुलिस विभाग के वरिष्ठ वकील एनआर एलंगो ने न्यायमूर्ति जीके इलांथिरैयन को बताया कि पुलिस ने पेरम्बलुर, कल्लाकुरिची और कुड्डालोर में रैली निकालने की अनुमति दी है। 23 जिलों में उसी हालत में अनुमति दी जाएगी जब आरएसएस इनडोर स्टेडियमों में कार्यक्रम आयोजित करने का वादा करेगा।
चार नवंबर को फैसला सुनाएगा कोर्ट
इसके अलावा 24 अन्य स्थानों के संबंध में पुलिस इसकी अनुमति नहीं देगी। उन्होंने जनहित के मद्देनजर संघ से भी अपील की कि वह इस मुद्दे का राजनीतिकरण न करे। कोर्ट इस मामले में अब चार नवंबर को फैसला सुनाएगा।
संघ ने आंतरिक सर्वे कराने का खंडन किया
उधर हैदराबाद से एनएनआइ के अनुसार, संघ ने तेलंगाना की मुनुगोडे विधानसभा सीट के उपचुनाव को लेकर आरएसएस के किसी तरह का आंतरिक सर्वे कराने की रिपोर्ट का खंडन किया है। यहां तीन नवंबर को मतदान होगा। संघ ने कहा कि इंटरनेट मीडिया में ऐसी सर्वे रिपोर्ट चल रही है। यह जनता को भ्रमित करने व संगठन की छवि खराब करने का प्रयास है। रमेश ने कहा कि संघ एक गैर सरकारी संगठन है और बीते 97 साल से काम कर रहा है। इसका लक्ष्य लोगों के चरित्र निर्माण से राष्ट्र का निर्माण करना है। संघ न तो राजनीति में भाग लेता है और नहीं राजनीतिक सर्वे करता है।

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