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    Gukesh D: तमिल या तेलुगु? शतरंज चैंपियन गुकेश की विरासत को लेकर एमके स्टालिन और चंद्रबाबू नायडू के बीच छिड़ी जंग!

    गुकेश डोम्माराजू 18 साल की उम्र में दुनिया के सबसे युवा शतरंज चैंपियन बन गए हैं। गुकेश ने तीन सप्ताह तक चले इस संघर्ष में गत चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को हराया है। इस बीच गुकेश के जन्म स्थान को लेकर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है। वहीं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तमिलनाडू के मुख्यमंत्री के बीच भी जंग छिड़ती हुई दिखाई दे रही है।

    By Versha Singh Edited By: Versha Singh Updated: Fri, 13 Dec 2024 12:44 PM (IST)
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    गुकेश की विरासक को लेकर एमके स्टालिन और नायडू के बीच जंग

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुकेश डोम्माराजू 18 साल की उम्र में दुनिया के सबसे युवा शतरंज चैंपियन बन गए हैं। गुकेश ने तीन सप्ताह तक चले इस संघर्ष में गत चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को हराया है।

    भारतीय ग्रैंडमास्टर गैरी कास्पारोव को पीछे छोड़ते हुए सबसे युवा खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया। उन्होंने डिंग लिरेन को 14वीं बाजी में हराकर खिताब अपने नाम किया। गुकेश ने यह जीत काले मोहरों से खेलते हुए दर्ज की।

    इस बीच गुकेश डी कहां से हैं इसे लेकर जंग छिड़ गई है। दो राज्यों आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के बीच गुकेश डी (Gukesh D) की जीत का श्रेय लेने की लड़ाई शुरू हो गई है। बता दें कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने X हैंडल पर ट्वीट कर गुकेश डी को अपने-अपने राज्य का बताया है।

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    डीएमके नेता ने गुरुवार को शाम 7.25 बजे एक्स पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा गुकेश की "उल्लेखनीय उपलब्धि... चेन्नई को एक और चैंपियन पैदा करके वैश्विक शतरंज राजधानी के रूप में अपना स्थान पुनः स्थापित करने में मदद करेगी।

    एमके स्टालिन ने युवा चैंपियन के गले में स्वर्ण पदक डालते हुए अपनी एक तस्वीर साझा करते हुए कहा, "तमिलनाडु को आप पर गर्व है।"

    इसके दो मिनट बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने ट्वीट किया। टीडीपी प्रमुख ने कहा, हमारे अपने तेलुगु लड़के को हार्दिक बधाई।

    नायडू ने कहा, पूरा देश आपकी अविश्वसनीय उपलब्धि का जश्न मना रहा है। आने वाले दशकों में आपको और अधिक सफलताएं और प्रशंसाएं मिलें।

    गुकेश डोम्माराजू कौन हैं?

    गुकेश डोम्माराजू तेलुगु मूल के हैं, लेकिन उनका जन्म और पालन-पोषण चेन्नई में हुआ। रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके माता-पिता दोनों ही मेडिकल प्रोफेशनल हैं। शतरंज में उनकी रुचि अपेक्षाकृत देर से विकसित हुई, लेकिन उनकी प्रतिभा जल्द ही स्पष्ट हो गई और एक युवा गुकेश, जो तब केवल आठ वर्ष का था, एक FIDE-रेटेड खिलाड़ी बन गया।

    गुकेश को लेकर एक्स यूजर्स की लड़ाई

    वहीं, अब सोशल मीडिया पर गुकेश की उत्पत्ति और वंश का दावा करने के लिए एक लड़ाई शुरू हो गई है और यह एक बड़ी बहस में बदल गई है।

    कई लोगों ने बताया कि तमिलनाडु ने शतरंज के इस सितारे को महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान की है।

    एक एक्स उपयोगकर्ता ने अप्रैल की एक समाचार रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट पोस्ट किया जिसमें कहा गया था कि सरकार ने उन्हें 75 लाख रुपये का उपहार दिया है।

    उपयोगकर्ता हैंडल 'साइबॉर्ग' ने तस्वीर के साथ कहा, यह सवाल पूछने के लिए आपकी हिम्मत की सराहना करनी होगी। यह तमिलनाडु सरकार द्वारा गुकेश के लिए किए गए कार्यों का केवल एक उदाहरण है।

    एक अन्य यूजर हैंडल, उरवन्ना ने कहा, शतरंज में तेलुगू ग्रैंडमास्टर गुकेश डोम्माराजू को तमिलनाडु जैसे सक्रिय राज्य का समर्थन प्राप्त है, जिसने उनके करियर को बढ़ावा दिया। अब तेलुगू राज्यों को भी प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए तमिलों द्वारा किए जा रहे कार्यों का अनुकरण करना चाहिए।

    एक तीसरे यूजर ने मुकेश पर तमिलनाडु के दावे का बचाव करते हुए कई ट्वीट पोस्ट किए, जिनमें से एक में लिखा था, गुकेश एक तमिलियन है। ठीक वैसे ही जैसे मैं भी एक तमिलियन हूं। तमिलनाडु की शतरंज संस्कृति, तमिलनाडु का बुनियादी ढांचा और तमिलनाडु उसकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोई दूसरा राज्य इसका श्रेय नहीं ले सकता। ऐसा नहीं है कि इससे कोई फर्क पड़ता है। वह एक भारतीय है।

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