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    World Chess Champion: कौन हैं डी गुकेश? जो बने चेस के नए बादशाह, विश्वनाथन आनंद के बाद किया ऐसा कमाल

    Updated: Thu, 12 Dec 2024 09:09 PM (IST)

    भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने गुरुवार 12 दिसंबर को सिंगापुर में विश्व शतरंज चैंपियनशिप के निर्णायक 14वें गेम में डिंग लिरेन को हराकर सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बन गए। 18 साल की उम्र में गुकेश विश्वनाथन आनंद के बाद शतरंज में विश्व चैंपियन बनने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने। वह FIDE विश्व चैंपियनशिप के इतिहास के 18वें चैंपियन बने।

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    D Gukesh की प्रोफाइल और करियर की उपलब्धियां।

    स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने गुरुवार, 12 दिसंबर को सिंगापुर में वर्ल्ड शतरंज चैंपियनशिप जीतकर इतिहास रच दिया। वह इस खिताब को जीतने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने। वहीं, गुकेश, विश्वनाथन आनंद के बाद शतरंज में विश्व चैंपियन बनने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने। गुकेश ने निर्णायक 14वें गेम में चीन के डिंग लिरेन को हराकर खिताब जीता।

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    FIDE वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप 2024 के निर्णायक मुकाबले में चीन के डिंग लिरेन सफेद मोहरों और गुकेश काले मोहरो के साथ खेल रहे थे। मैच टाइब्रेकर की तरफ जा रहा था कि 53वीं चाल में डिंग लिरेन का ध्यान भंग हुआ और गलती कर दी। चौंकन्ने डी गुकेश ने फिर लिरेन को वापसी का मौका नहीं दिया और अंत में पिछले साल के वर्ल्ड चैंपियन को मात देकर बाजी अपने नाम कर ली। गुकेश वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के 18वें विश्व चैंपियन बने।

    कौन हैं डी गुकेश?

    डी ​​​​​गुकेश चेन्नई के रहने वाले हैं। इनका पूरा नाम डोम्माराजू गुकेश है। गुकेश का जन्म चेन्नई में 7 मई 2006 को हुआ था। उन्होंने 7 साल की उम्र में ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। उन्हें शुरू में भास्कर नागैया ने कोचिंग दी थी। इसके बाद नागैया इंटरनेशनल चेस खिलाड़ी रहे। इसके बाद विश्वनाथन आनंद ने गुकेश को खेल की जानकारी देने के साथ कोचिंग दी। गुकेश, आनंद शतरंज अकादमी (WACA) में ट्रेनिंग लेते हैं।

    बचपन से है चेस से मोहब्बत

    गुकेश के पिता डॉक्टर हैं और मां पेशे से माइक्रोबायोलोजिस्‍ट हैं। स्कूल के दिनों में ही उन्हें इस खेल से प्यार हो गया। अपने शानदार प्रदर्शन के चलते वह तेजी से आगे बढ़ते गए। गुकेश ने 17 साल की उम्र में FIDE कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट भी जीता था। तब वह ऐसा करने वाले सबसे युवा प्लेयर बने थे। वहीं, इसी साल 10 से 23 सितंबर 2024 को बुडापेस्ट में चेस ओलंपियाड का आयोजन हुआ था। भारत ने मेंस और विमेंस दोनों कैटेगरी में चैंपियन बना था। ओपन कैटेगरी में गुकेश ने ही फाइनल गेम जीतकर भारत को जीत दिलाई थी।

    करियर की कुछ बड़ी उपलब्धियां

    गुकेश ने बहुत ही कम उम्र में यह साबित कर दिया था कि वह भविष्य के चेस के बड़े खिलाड़ी बनेंगे। वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीतकर गुकेश ने यह साबित भी कर दिया। चलिए गुकेश के करियर की कुछ बड़ी उपलब्धियों के बारे में जानतें हैं।

    • 2024: वर्ल्ड चेस चैंपियन (सबसे युवा)
    • 2024: पेरिस कैंडिडेट्स टूर्नामेंट विजेता (सबसे युवा)
    • 2024: चेस ओलंपियाड में भारत को विजेता बनाया
    • 2023 फिडे सर्किट: दूसरा स्थान हासिल किया, कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई किया
    • 2022 चेस ओलंपियाड: व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक, भारत ने कांस्य पदक जीता
    • 2022: ऐमचेस रैपिड: मैगनस कार्लसेन के विश्व चैंपियन बनने के बाद उन्हें हराने वाले सबसे युवा खिलाड़ी
    • 2021: जूलियस बेयर चैलेंजर्स चेस टूर: विजेता बने
    • 2019: 12 साल 7 महीने और 17 दिन में ग्रैंडमास्टर बने
    • 2018: वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप: विनर (अंडर-12 कैटेगिरी)
    • 2015: अंडर-9 एशियाई स्कूल चैंपियनशिप (कैंडिडेट मास्टर का खिताब)

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