Tamil Nadu: स्टालिन ने नई शिक्षा नीति का किया विरोध, अब भाजपा की नेता ने ही पार्टी के खिलाफ खोल दिया मोर्चा, दे दिया इस्तीफा
तमिलनाडु में नई शिक्षा नीति को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच चल रहा विवाद और भी ज्यादा बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने ये स्पष्ट कर दिया है कि वो इस नीति को राज्य में लागू नहीं होने देंगे। स्टालिन के बाद अभिनेत्री और भाजपा नेता रंजना नचियार ने भी तीन भाषा नीति का विरोध करते हुए भाजपा से इस्तीफा दे दिया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नई शिक्षा नीति को लेकर केंद्र और तमिलनाडु की सरकार के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस विवाद के बाच बड़ा बयान देते हुए कहा है कि उनका राज्य एक और भाषा युद्ध के लिए तैयार है।
सीएम स्टालिन ने कहा, "राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के माध्यम से कथित हिन्दी थोपने को लेकर केंद्र के साथ तनाव बढ़ रहा है। राज्य में नई शिक्षा नीति लागू नहीं होने देंगे"। बता दें, हिन्दी को लेकर स्टालिन और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बीच जुबानी जंग देखने को मिल रही है।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने केंद्र सरकार पर शिक्षा का राजनीतिकरण करने और राज्य का महत्वपूर्ण पैसा रोकने का आरोप भी लगाया है। स्टालिन के अलावा नई शिक्षा नीति का तमिलनाडु में कांग्रेस और वामदल भी विरोध कर रहे हैं।
2000 करोड़ के लिए अधिकार नहीं छोड़ सकते- स्टालिन
स्टालिन ने कहा कि हम 2000 करोड़ के लिए अपने अधिकारों को नहीं छोड़ सकते हैं। अगर हम ऐसा करते हैं तो तमिल राज 2000 साल पीछे चला जाएगा। उन्होंने कहा कि, नई शिक्षा नीति सामाजिक न्याय को कमजोर करती है, ये तमिल भाषा को खतरे में डाल सकती है। इससे हमारे बच्चों के भविष्य पर सीधा खतरा है।
स्टालिन ने ये स्पष्ट किया कि हम किसी भाषा का विरोध नहीं करते हैं, लेकिन हम हमेशा थोपने वाली हर भाषा का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा, एनईपी का उनका विरोध केवल इसलिए नहीं है क्योंकि ये हिन्दी को बढ़ावा देती है, बल्कि इसलिए है क्योंकि ये बच्चों को स्कूलों से बाहर कर देती है।
स्टालिन के अलावा भाजपा नेता ने ही पार्टी को दिया झटका
फिल्मों से राजनीति में कदम रखने वाली साउथ की अभिनेत्री रंजना नचियार ने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे में तीन भाषा नीति को लागू करने का कारण बताया है।
रंजना ने पत्र में लिखा, 'एक तमिल महिला होने के नाते में तीन भाषा नीति को नहीं मान सकती'। बता दें, रंजना पिछले आठ सालों से भाजपा से जुड़ी हुईं थीं। उन्होंने तीन भाषा नीति को लागू करने के अपने विरोध को उजागर करते हुए कहा, "तीन भाषा नीति लागू करने से तमिल भाषी लोगों की भाषाई और सांस्कृतिक अखंडता को खतरा है।"
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