'तो घट जाएंगी लोकसभा सीटें', फैमली प्लानिंग पर क्यों भड़के सीएम स्टालिन? खुद वजह भी बताई
सीएम एमके स्टालिन इस समय केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। उन्होंने हाल के दिनों में एनईपी पर विरोध जताया। इसके बाद उन्होंने परिवार नियोजन कार्यक्रम को लेकर नाराजगी जताई है। उन्होंने इससे पहले भी स्टालिन ने लोकसभा परिसीमन को लेकर चिंता जताई है। गत दिनों उन्होंने कहा था कि परिसीमन की कवायद के कारण लोगों को 16 बच्चे पैदा करने के बारे में सोचना पड़ सकता है।
पीटीआई, नई दिल्ली। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने रविवार को कहा कि राज्य ऐसी स्थिति का सामना कर रहा है जिसमें परिवार नियोजन कार्यक्रम को लागू करने की वजह से उसकी संसदीय सीटें कम होने की आशंका है। तमिलनाडु की वर्तमान में लोकसभा में 39 सीटें हैं।
स्टालिन ने पूर्व में भी इस विषय को उठाया था और 16 प्रकार की संपत्तियों के बारे में तमिल कहावत का जिक्र करते हुए कहा था कि लोकसभा परिसीमन की कवायद के कारण लोगों को 16 बच्चे पैदा करने के बारे में सोचना पड़ सकता है।
भाषा को लेकर मचा है बवाल
रविवार को कोलाथुर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के विवाह में मुख्यमंत्री ने नवविवाहितों को अपने बच्चों के तमिल नाम रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बच्चों की संख्या पर ध्यान केंद्रित करते हुए परिवार नियोजन अभियान एक सुनियोजित परिवार की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
क्या बोले सीएम स्टालिन?
मुख्यमंत्री ने कहा, 'चूंकि हमने लगातार इसका सही से पालन किया है, इसलिए परिसीमन की कवायद के तहत संसदीय सीटों की संख्या कम होने की स्थिति है।' गौरतलब है कि तमिलनाडु परिसीमन के बाद राज्य की संसदीय सीटों में किसी भी तरह की कमी का विरोध कर रहा है। स्टालिन ने अधिवक्ता संशोधन विधेयक, 2025 को लेकर भी केंद्र की आलोचना की है और इसे कानूनी पेशे की स्वायत्तता पर सीधा हमला करार दिया।
बीजेपी पर साधा निशाना
उन्होंने एक्स पर यह भी दावा किया कि इस विधेयक में भाजपा की तमिल के प्रति घृणा स्पष्ट है क्योंकि वह तमिलनाडु एवं पुडुचेरी बार काउंसिल का नाम बदलकर मद्रास बार काउंसिल करना चाहती है। उन्होंने कहा, 'तमिलनाडु सिर्फ नाम नहीं है, बल्कि यह हमारी पहचान है।'
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