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    अभिनेता विजय को देखने के लिए सुबह से भूखे-प्यासे खड़े थे लोग, पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया निष्कर्ष

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 06:58 AM (IST)

    तमिलनाडु के करूर में अभिनेता विजय की रैली में भगदड़ मच गई जिसमें 40 लोगों की मौत हो गई और 95 घायल हो गए। पुलिस जांच में सामने आया कि आयोजकों ने भोजन-पानी की व्यवस्था नहीं की थी और अभिनेता के देरी से पहुंचने के कारण भीड़ बेचैन हो गई थी। पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और सरकार ने न्यायिक जांच शुरू कर दी है।

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    करूर भगदड़ मामले में सामने आई पुलिस की शुरुआती रिपोर्ट।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु के करूर में शनिवार को तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) की रैली के दौरान अभिनेता से नेता बने जोसफ विजय को देखने के लिए लोग सुबह से ही रैली स्थल पर बिना कुछ खाए-पिए पहुंच गए थे। उन्हें दोपहर का भोजन भी नहीं मिला। आयोजकों ने उनके भोजन-पानी की व्यवस्था नहीं की थी।

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    दूसरी ओर, अभिनेता कई घंटों की देरी से रैली स्थल पर पहुंचे। चूंकि सभी लोग सुबह से बिना भोजन और पानी के खड़े थे तो वे बेचैन हो गए और हालात बिगड़ गए। रैली में देरी होने की वजह से भी भीड़ लगातार बढ़ती गई। करूर भगदड़ मामले में पुलिस की प्राथमिक जांच में ये निष्कर्ष निकलकर सामने आया है।

    घंटों की देरी के बाद पहुंचे विजय

    राज्य के पुलिस महानिदेशक जी वेंकटरमन ने कहा भी कि विजय घंटों देरी से शाम 7:40 बजे रैली स्थल पर पहुंचे। लोग भूख-प्यास से बेचैन थे। साथ ही उन्होंने कहा कि आयोजकों ने अपेक्षित संख्या 10,000 बताई थी जबकि लगभग 27,000 लोग अभिनेता को देखने के लिए पहुंचे। घटनास्थल पर रविवार को इधर-उधर बिखरे जूते और चप्पल, कुचली हुई पानी की बोतलें, फटे पार्टी झंडे, कपड़ों के टुकड़े, टूटे हुए खंभे, तरह-तरह का फैला कचरा घटना का भयावह मंजर बयां कर रहे थे।

    शुरू हुई घटना की न्यायिक जांच

    उधर, भगदड़ के मामले में पुलिस ने टीवीके के महासचिव बसी आनंद, करूर पश्चिम जिला सचिव वीपी माथियाझागन और राज्य पदाधिकारी सीटी निर्मल कुमार के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज किया है। इस बीच सेवानिवृत्त जस्टिस अरुणा जगदीशन की अध्यक्षता में गठित आयोग ने रविवार को करूर पहुंचकर घटना की न्यायिक जांच शुरू कर दी। जस्टिस जगदीशन ने भगदड़ स्थल का दौरा किया और अस्पताल पहुंचकर पीड़ितों से बात की। साथ ही अधिकारियों से भी पूछताछ की।

    टीवीके के उप महासचिव निर्मल कुमार ने कहा कि पार्टी ने घटना की सीबीआई या स्वतंत्र जांच के लिए हाई कोर्ट की मदुरै बेंच में याचिका दायर की है। हालांकि वे घटना में साजिश होने का आरोप लगाने से बचे। उन्होंने कहा, ''जज ने कल दोपहर 2.15 बजे मामले की सुनवाई करने के लिए सहमति दी है। उसके बाद हम अपना आधिकारिक बयान देंगे।''

    एआईएडीएमके ने पुलिस और प्रशासन पर मढ़ा दोष

    उधर, पूर्व मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके के महासचिव एके पलानीस्वामी ने पुलिस और प्रशासन को भगदड़ को नियंत्रित करने में असमर्थता के लिए दोषी ठहराया।

    मुख्यमंत्री एमके स्टालिन रविवार को करूर पहुंचे और अस्पतालों में प्रभावित लोगों से बातचीत की। उन्होंने घायलों को अच्छी देखभाल का आश्वासन दिया। विपक्ष के नेता एके पलानीस्वामी, भाजपा के के. अन्नामलाई ने भी अस्पताल का दौरा कर घायलों का हाल जाना। नेता विपक्ष राहुल गांधी ने भी गठबंधन सहयोगी स्टालिन से बातचीत कर हालात जाने।

    पीएम मोदी ने की सहायता राशि देने की घोषणा

    इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रत्येक मृतक के स्वजन को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की है। घायलों को भी 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे। विजय ने घोषणा की कि भगदड़ में मारे गए प्रत्येक मृतक के स्वजन को 20 लाख रुपये दिए जाएंगे। साथ ही घायलों को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

    मामले में और क्या हुआ?

    उधर, सुप्रीम कोर्ट के वकील जीएस मणि ने डीजीपी और राज्य के गृह सचिव को शिकायत देकर टीवीके प्रमुख विजय के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और पूरे प्रकरण की जांच के लिए मद्रास हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र एसआईटी गठित करने की है। इस बीच, एक तमिल छात्र संगठन ने विजय के घर के सामने प्रदर्शन किया।

    मृतक संख्या बढ़कर 40 हुई, 95 जख्मी

    अभिनेता से नेता बने और टीवीके प्रमुख जोसफ विजय की रैली में हुई इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 40 हो गई है जबकि 95 घायलों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव पी. सेंथिल कुमार ने कहा कि घायलों में दो की हालत गंभीर है। उन्होंने बताया कि मरने वालों में 17 महिलाएं, 14 पुरुष और नौ बच्चे शामिल हैं।

    रैली के दौरान कोई पत्थरबाजी नहीं हुई : एडीजीपी

    तमिलनाडु के एडीजीपी (कानून और व्यवस्था) एस डेविडसन देवासीरवाथम ने रविवार को कहा कि रैली के लिए लगभग 500 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। उन्होंने प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों का उल्लेख करते हुए उन दावों को सिरे से नकार दिया कि रैली के दौरान पत्थरबाजी हुई थी। उन्होंने कहा कि रैली स्थल पर जितनी अनुमति ली गई थी, उससे ज्यादा भीड़ जुटाई गई। अभिनेता को देखने के लिए भारी भीड़ इकट्ठा हुई। लोग भूखे-प्यासे भी थे।

    नाले में धकेल दिए गए लोग

    भगदड़ स्थल पर मौजूद एक युवा जोकि सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहा, ने दावा किया कि कई लोग सड़क के किनारे के बने नाले में धकेल दिए गए। काफी लोग एक साथ बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे। कई लोग जो गिरने वाले लोगों पर पैर रखकर आगे बढ़ रहे थे, वे भी गिर गए। भीड़ उनके ऊपर से गुजर गई। लोगों ने बैरिकेड बनाने के लिए उपयोग की गई टीन की चादरों को धकेल दिया और कई लोग पास के कच्चे छत वाले मकानों पर चढ़ गए और गिरकर घायल हो गए। लगभग उसी समय, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया। एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जगह संकरी थी और भीड़ के चलते एंबुलेंस को भी रास्ता नहीं मिल रहा था।

    भगदड़ ने युवा जोड़े के शादी के सपनों को चकनाचूर किया

    इस भगदड़ ने एक युवा जोड़े के शादी के सपनों को भी चकनाचूर कर दिया। हादसे में दोनों की मौत हो गई। 26 वर्षीय आइटी पेशेवर आकाश और बचपन की साथी व पेशे से लेक्चरर एस. गोकुलश्री अगले महीने सगाई और जनवरी में शादी करने वाले थे। शनिवार को यह जोड़ा गोकुलश्री के भाई प्रभाकरन के साथ अभिनेता विजय को देखने रैली स्थल पर गया था।

    नम आंखों से प्रभाकरण ने बताया कि हम कार्यक्रम स्थल के पास एक घर की छत पर थे। जब हम नीचे आने की कोशिश कर रहे थे तो भीड़ बढ़ गई। मेरी बहन ने मुझसे दूर जाने के लिए कहा क्योंकि मैंने हाल ही में एंजियोप्लास्टी करवाई थी। कुछ ही मिनटों बाद, आकाश और गोकुलश्री भीड़ में फंस गए।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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