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    तमिलनाडु भगदड़: TVK के नेताओं पर केस दर्ज, विजय की पार्टी हाई कोर्ट पहुंची; अब तक क्या-क्या हुआ?

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 11:30 PM (IST)

    तमिलनाडु के करूर में तमिलगा वेत्री कझगम की रैली में भगदड़ मचने से 40 लोगों की मौत हो गई और 67 घायल हो गए। पुलिस ने पार्टी पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और सेवानिवृत्त जस्टिस अरुणा जगदीशन की अध्यक्षता में न्यायिक जांच शुरू हो गई है। मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष और विजय की तरफ से आर्थिक सहायता का एलान किया गया है।

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    तमिलनाडु भगदड़: TVK के नेताओं पर केस दर्ज

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु के करूर में शनिवार को तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) की रैली के दौरान मची भगदड़ के मामले में पुलिस ने पार्टी के महासचिव बसी आनंद, करूर पश्चिम जिला सचिव वीपी माथियाझागन और राज्य पदाधिकारी सीटी निर्मल कुमार के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज किया है। साथ ही सेवानिवृत्त जस्टिस अरुणा जगदीशन की अध्यक्षता में गठित आयोग ने रविवार को करूर पहुंचकर भगदड़ की घटना की न्यायिक जांच शुरू कर दी है।

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    इस बीच अभिनेता से नेता बने और टीवीके प्रमुख जोसफ विजय की रैली में हुई इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 40 हो गई है जबकि 67 घायलों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। उधर, टीवीके ने घटना की निष्पक्ष जांच के लिए मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।

    भगदड़ में 40 लोगों की मौत

    तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव पी. सेंथिल कुमार ने कहा कि इस भगदड़ में 40 लोगों की जान गई है और जबकि घायल हुए 67 लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। घायलों में दो की हालत गंभीर है। उन्होंने बताया कि मरने वालों में 17 महिलाएं, 14 पुरुष और नौ बच्चे शामिल हैं। घटनास्थल पर इधर-उधर बिखरे जूते और चप्पल, कुचले हुए पानी की बोतलें, फटी पार्टी झंडे, कपड़ों के टुकड़े, टूटे हुए खंभे, तरह-तरह का फैला कचरा घटना का भयावह मंजर बयां कर रहा था।

    उधर, टीवीके के उप महासचिव निर्मल कुमार ने कहा कि पार्टी ने घटना की निष्पक्ष जांच के लिए हाई कोर्ट की मदुरै बेंच में याचिका दायर की है। हालांकि वे घटना में साजिश होने का आरोप लगाने से बचे। उन्होंने कहा- ''जज ने कल दोपहर 2.15 बजे मामले की सुनवाई करने के लिए सहमति दी है। उसके बाद हम अपना आधिकारिक बयान देंगे।''

    उधर, पूर्व मुख्यमंत्री और एआइएडीएमके के महासचिव एके पलानीस्वामी ने पुलिस और प्रशासन को भगदड़ को नियंत्रित करने में असमर्थता के लिए दोषी ठहराया। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन चेन्नई से करूर पहुंचे और अस्पतालों में प्रभावित लोगों से बातचीत की। उन्होंने घायलों को अच्छी देखभाल का आश्वासन दिया।

    प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो लाख की आर्थिक मदद

    इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में प्रत्येक मृतक के स्वजन को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की है। घायलों को भी 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे। विजय ने घोषणा की कि भगदड़ में मारे गए प्रत्येक मृतक के स्वजन को 20 लाख रुपये दिए जाएंगे। साथ ही घायलों को दो लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

    रैली के दौरान कोई पत्थरबाजी नहीं हुई : एडीजीपी

    राज्य के पुलिस महानिदेशक जी वेंकटारामन ने कहा कि विजय शाम घंटों देरी से शाम 7:40 बजे रैली स्थल पर पहुंचे। लोग भूख-प्यास से बेचैन थे। आयोजकों ने अपेक्षित संख्या 10,000 बताई थी जबकि लगभग 27,000 लोग अभिनेता को देखने के लिए पहुंचे। तमिलनाडु के एडीजीपी (कानून और व्यवस्था) एस डेविडसन देवासीरवाथम ने रविवार को कहा कि रैली के लिए लगभग 500 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था।

    उन्होंने प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों का उल्लेख करते हुए उन दावों को सिरे से नकार दिया कि रैली के दौरान पत्थरबाजी हुई थी। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, रैली स्थल पर जितनी अनुमति ली गई थी, उससे ज्यादा भीड़ जुटाई गई। अभिनेता को देखने के लिए लोग इकट्ठा हुए। बड़ी संख्या में लोग दोपहर 12 बजे बिना नाश्ता किए ही स्थल पर पहुंच गए थे और उन्हें दोपहर का भोजन भी नहीं मिला। चूंकि सभी लोग सुबह से बिना भोजन और पानी के खड़े थे, इससे स्थिति और बिगड़ी।

    नाले में धकेल दिए गए गए लोग

    भगदड़ स्थल पर मौजूद एक युवा जोकि सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहा, ने दावा किया कि कई लोग सड़क के किनारे के बने नाले में गिर गए। काफी लोग एक साथ बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे। कई लोग जो गिरने वाले लोगों पर पैर रख कर आगे बढ़ रहे थे, वे भी गिर गए। भीड़ उनके ऊपर से गुजर गई।

    लोगों ने बैरिकेड बनाने के लिए उपयोग की गई टिन की चादरों को धकेल दिया और कई लोग पास के कच्चे छत वाले मकानों पर चढ़ गए और गिरकर घायल हो गए। लगभग उसी समय, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया। एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जगह संकरी थी और भीड़ के चलते एंबुलेंस को भी रास्ता नहीं मिल रहा था।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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