Tamilnadu: दो गांव Biodiversity Heritage के प्रतीक, राज्य सरकार ने किया ऐलान
Biodiversity Heritage Symbols तमिलनाडु के दो गांवों अरिट्टापट्टी और मीनाक्षीपुरम को राज्य सरकार ने जैवविविधता विरासत का प्रतीक करार दिया है। यहां कई ऐसी इमारतें हैं जो सदियों पुरानीं हैं साथ ही कई ऐसी प्रजातियां हैं जो अब विलुप्तप्राय हैं।

चेन्नई, एजेंसी। तमिलनाडु सरकार ने ऐलान कर दिया है कि मदुरै जिले के अरिट्टापट्टी (Arittapatti) और मिनाक्षीपुरम (Meenakshipuram ) गांव जैवविविधता की विरासत का प्रतीक हैं। ये दोंनों स्थल राज्य में विशेष हैं यहां अनेकों ऐतिहासिक स्थल हैं और कई विलुप्तप्राय प्रजातियां मौजूद हैं।
अध्यादेश भी जारी
तमिलनाडु सरकार ने इसके लिए एक अध्यादेश भी जारी किया है। राज्य सरकार की ओर से मदुरै जिले के अरीतापट्टी, मीनाक्षीपुरम सहित 193.215 हेक्टेयर क्षेत्र को जैव विविधता विरासत क्षेत्र घोषित किया गया। जैव विविधता महत्व वाले इस इलाके में हजारों साल पुरानी ऐतिहासिक विरासत और पक्षियों, कीड़ों और जीवों की दुर्लभ प्रजातियां हैं। साथ ही यहां की प्राचीन चट्टानें, कुदैवरा शिव मंदिर, दो हजार वर्ष पुराने जैन घाटियां आदि का संरक्षण पुरातत्व विभाग द्वारा किया जा रहा है।
काशी तमिल संगमम जारी
काशी-तमिल संगमम में तमिलनाडु से लोग पहुंच रहे हैं। वाराणसी रेलवे स्टेशन पर अतिथियों के भव्य स्वागत की तैयारियां शानदार की गईंं हैं। यह कार्यक्रम एक माह तक जारी रहेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस कार्यक्रम का शुभारंभ 19 नवंबर को किया था। उसके बाद अलग-अलग समूहों में तमिलनाडु से लोग वाराणसी भ्रमण पर आ रहे हैं। एक माह तक चलने वाले इस आयोजन में तमिलनाडु के अलावा काशी के लोग भी बड़े उत्साह से आयोजन में शिरकत कर रहे हैं।
थाईलैंड जा रहे तमिलनाडु के महावत
IAS सुप्रिया साहू (Supriya Sahu) ने बंदी हाथियों की देखभाल करने वाले महावतों (Mahouts) के लेकर एक ट्वीट किया है। उन्होंने बताया है कि तमिलनाडु सरकार 13 महावतों को हाथियों के देखभाल संबंधी प्रशिक्षण लेने के लिए थाईलैंड भेज रही है।
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