'नहीं उठाने देंगे RSS और BJP की आवाज', तमिलनाडु कांग्रेस में मची रार; प्रदेश अध्यक्ष ने की इस नेता की आलोचना
तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष के. सेल्वपेरुंथगाई ने प्रवीण चक्रवर्ती की राज्य के कर्ज पर टिप्पणी की आलोचना की। उन्होंने स्पष्ट किया कि चक्रवर्ती के विचार ...और पढ़ें

तमिलनाडु कांग्रेस के अध्यक्ष के सेल्वापेरुंथगई। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु की कर्ज की स्थिति पर कांग्रेस नेता प्रवीण चक्रवर्ती की टिप्पणियों की कड़ी आलोचना करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के सेल्वपेरुंथगाई ने सोमवार को कहा कि उनके विचार कांग्रेस पार्टी की आवाज नहीं हैं।
उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि कांग्रेस पार्टी का डीएमके के साथ गठबंधन लोहे के किले जितना मजबूत है। टीएनसीसी प्रमुख ने कहा, "हम कांग्रेस के अंदर किसी को भी आरएसएस या भाजपा की आवाज उठाने नहीं देंगे। मैं यह साफ करना चाहता हूं कि चक्रवर्ती के बयान कांग्रेस पार्टी की आवाज नहीं हैं।"
'नहीं करने देंगे जासूस की तरह काम'
उन्होंने आगे कहा, "डीएमके के साथ गठबंधन एक लोहे के किले की तरह मजबूत है। इसे कोई नहीं तोड़ सकता। हम किसी भी ताकत को - चाहे वह अंदर की हो या बाहर की - तमिलनाडु में भाजपा को पैर जमाने में मदद नहीं करने देंगे या उसके जासूस के तौर पर काम नहीं करने देंगे।"
उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए अधिकृत आवाजें वह (प्रदेश अध्यक्ष), एआईसीसी नेता गिरीश चोडंकर, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी हैं। उन्होंने चक्रवर्ती से जुड़े विवाद के बारे में एआईसीसी अध्यक्ष को एक औपचारिक शिकायत भेजी है।
क्या है मामला?
दरअसल, प्रोफेशनल्स कांग्रेस के चेयरमैन प्रवीण चक्रवर्ती ने डीएमके सरकार के तहत तमिलनाडु की कर्ज की स्थिति के बारे में एक्स पर पोस्ट करके विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने राज्य के कर्ज की तुलना उत्तर प्रदेश से करते हुए कहा कि 2010 में यूपी पर तमिलनाडु से दोगुने से ज्यादा कर्ज था, लेकिन अब तमिलनाडु सबसे ज्यादा बकाया कर्ज और भारी ब्याज के बोझ के साथ आगे है।

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