सर्जिकल स्ट्राइक के बाद नवाज को पाक सेना पर बढ़त का मिला मौका
सर्जिकल स्ट्राइक ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को वहां की सेना पर अपनी बढ़त बनाने का एक मौका दे दिया।
नई दिल्ली, जेएनएन। उड़ी में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की तरफ से सफलतापूर्वक पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में की गई सर्जिकल स्ट्राइक ने इस्लामाबाद में वहां की सेना और सरकार के बीच आपसी तनाव को बढ़ा कर रख दिया। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, इस सर्जिकल स्ट्राइक ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को वहां की सेना पर अपनी बढ़त बनाने का एक मौका दे दिया।
हालांकि, एक तरफ जहां दैनिक अखबार ‘डॉन’ की खबर कि भारत की तरफ से किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सेना और सरकार के बीच दूरियां बढ़ गई है, इस रिपोर्ट को पाकिस्तान की सरकार ने मनगढ़ंत करार दिया, तो वहीं सूत्रों का यह कहना है कि ये खबर बिना किसी आधार के नहीं हो सकती है।
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उड़ी में सेना के बटालियन पर आतंकी हमले के बाद भारत की तरफ से जिस तरह की प्रभावशाली प्रतिक्रिया दी गई उसने नवाज शरीफ सरकार को वहां के पोपुलर सेनाध्यक्ष राहिल शरीफ के हाथों खो चुकी अपनी जमीन को पाने का फिर से एक मौका दे दिया है। साथ ही, इस्लामाबाद की तरफ से भारत के खिलाफ इस्तेमाल किए जा रहे आतंकवाद पर सवाल उठ रहे हैं, जिसके चलते अब दूसरे रणनीतिक तरीकों के बारे में सोचा जा रहा है।
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सूत्रों ने इस बात की इशारा किया कि भारत की तरफ से इनकार के बाद जिस तरह इस्लामाबाद में होनवाले सार्क सम्मेलन को रद्द करना पड़ा और उसके बाद सार्क के सदस्य देशों ने सीमपार आतंकवाद के खिलाफ सख्त बयान दिया।
इतना ही नहीं, रूस के साथ पहली बार संयुक्त सैन्य अभ्यास के बाद इस्लामाबाद ने यह दिखाने का प्रयास किया कि वह दुनिया से अलग-थलग नही है। लेकिन, रूस ने पाकिस्तान की आलोचना कर उसके दावे की हवा निकाल दी। यहां तक कि हमेशा साथ रहनेवाले उसके सहयोगी चीन ने भी यह संकेत दे दिया कि पाकिस्तान उनके समर्थन को हल्के में ना लें। भारत ऐसा मान रहा है कि पाकिस्तान का कूटनीतिक तौर पर अलग-थलग हो जाना शरीफ सरकार को वहां पर लगातार बढ़ते सेना के नेतृत्व पर बढ़त का एक मौका जरूर दे देगा।
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