26/11 के हीरो तुकाराम ओंबले के भाई बोले- 'बड़ा दिन.. जल्द फांसी दी जाए'
26/11 हमले में शहीद हुए तुकाराम ओंबले के भाई और अन्य सुरक्षाकर्मियों ने तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने पर खुशी जताई है और उसे जल्द फांसी देने की मांग की है। राणा हमले के मास्टरमाइंड डेविड हेडली का करीबी रहा है। शहीद संदीप उन्नीकृष्णन के पिता ने इसे कूटनीतिक सफलता बताया पर आगाह किया कि अब भी लंबी कानूनी लड़ाई बाकी है।

एएनआई, मुंबई। तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने को बड़ा दिन बताते हुए 26/11 हमले में हीरो बने और अशोक चक्र विजेता तुकाराम ओंबले के भाई एकनाथ ओंबले ने गुरुवार को केंद्र सरकार से अपील की कि उसे जल्द फांसी दी जाए। वहीं, उस दिन आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में शामिल एनएसजी के पूर्व कमांडो सुरेंदर सिंह ने कहा कि राणा को फांसी पर लटकाने से पाकिस्तान के मुंह पर करारा तमाचा पड़ेगा।
हमले की रात केवल लाठी पकड़े मुंबई पुलिस के सब-इंस्पेक्टर तुकाराम ओंबले ने जांबाजी दिखाते हुए आतंकी अजमल कसाब को पकड़ लिया था, जिससे वह जिंदा गिरफ्तार हो पाया, हालांकि इस दौरान गोलियां लगने से उनकी मौत हो गई थी।
एकनाथ ओंबले ने कहा, "कई निर्दोष लोगों और पुलिसकर्मियों की जानें गईं। वह बहुत दर्दनाक रात थी। तहव्वुर राणा इस हमले के मास्टरमाइंड डेविड हेडली का सहयोगी था और इन सबको पहले ही फांसी दे देनी चाहिए थी। लेकिन यह देश के लिए एक बड़ा दिन है। सरकार से मेरी एक विनती है कि उसे जल्द से जल्द फांसी दे देनी चाहिए। उसे ऐसी सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि पाकिस्तान में जो लोग ऐसे काम करने में मदद करते हैं, अगली बार ऐसा करने से पहले दो बार सोचें। हालांकि, हमने कसाब की सजा में देरी को बर्दाश्त किया क्योंकि इससे दुनिया के सामने पाकिस्तान का असली चेहरा सामने आया।"
'उम्मीद है उसे मौत की सजा मिलेगी'
उस काली रात को तुकाराम ओंबले और भास्कर कदम समेत अपने 15 कर्मचारियों के साथ मोर्चे पर डटे मुंबई पुलिस के इंस्पेक्टर हेमंत बावधंकर ने कहा, हमें उम्मीद है कि उसे मृत्युदंड दिया जाएगा। इससे हम दुनिया को सख्त संदेश दे सकेंगे कि भारत पर जो कोई भी बुरी नजर डालेगा, बचेगा नहीं। इन हमलों ने पाकिस्तान को बेनकाब कर दिया था। लश्कर-ए-तैयबा और आइएसआइ के जरिये पाकिस्तान ने हमला किया था। मुझे उम्मीद है कि हमले के अन्य आरोपितों को भी सजा मिलेगी।
पूर्व एनएसजी कमांडो और आतंकी हमले में कार्रवाई करने वाली टीम के हिस्से रहे सुरेंदर सिंह ने कहा,"जब उसे फांसी दी जाएगी, यह केवल आतंक पर नहीं बल्कि पाकिस्तान के मुंह पर भी जोरदार तमाचा होगा।"
'अभी कई वकीलों से पार पाना है'
एनएसजी कमांडो मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के पिता के उन्नीकृष्णन ने कहा, "अमेरिका की सहमति के बाद उसे लाने पर चर्चा हो रही थी, हालांकि वह केवल एक कड़ी है। यह कूटनीतिक सफलता है, जो लंबे समय बाद भारत को मिली है। यह ना तो कोई अंतिम चीज है ना ही बहुत बड़ी उपलब्धि। हमें कई वकीलों से पार पाना है। आम आदमी के लिए वह एक कड़ी था। जब डेविड कोलमैन हेडली भारत में था, इसने 231 काल की थीं। सारे सुबूत सामने हैं। यह शातिर आदमी है जो सबकुछ अकेले हैंडल कर सकता है। देखते हैं कि अब क्या होता है।"
उन्होंने अपने बेटे के बारे में कहा, "संदीप 26/11 हमले का पीडि़त नहीं था। वह सुरक्षाकर्मी था जो वहां गया। असली पीडि़त वो लोग हैं, जिन्होंने इसका नुकसान उठाया। वह पीड़ित नहीं था क्योंकि उसने अपना फर्ज निभाया। अगर उसने मुंबई में यह नहीं किया होता, तो कहीं और करता। वह अपना फर्ज निभा रहा था।
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