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    तहव्वुर के भारत पहुंचने से पहले ही पाकिस्तान की सिट्टी-पिट्टी गुम, कहा- वो कनाडा का नागरिक

    2008 के मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया जा रहा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उसे लश्कर-ए-तैयबा को समर्थन देने के आरोप में वॉन्टेड घोषित किया था। पाकिस्तान ने राणा से दूरी बनाते हुए कहा कि वह पिछले दो दशकों से पाकिस्तानी दस्तावेज रिन्यू नहीं करवा रहा है और अब कनाडाई नागरिक है।

    By Digital Desk Edited By: Chandan Kumar Updated: Thu, 10 Apr 2025 03:59 PM (IST)
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    मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के आते ही पाकिस्तान ने उससे पल्ला झाड़ा। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान ने 2008 के मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा से दूरी बना ली है और कहा है कि वह "स्पष्ट रूप से" कनाडा का नागरिक है। तहव्वुर राणा को भारत लाया जा चुका है और थोड़ी देर में ही उसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अपनी हिरासत में लेगी।

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    राणा एक पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक है, जिसे अमेरिका में प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के लिए काम करने और समर्थन देने का दोषी ठहराया गया था। इसी संगठन ने 2008 के मुंबई हमले को अंजाम दिया था, जिसमें 174 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।

    पाकिस्तान ने तहव्वुर राणा से पल्ला झाड़ा

    पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर कहा, "तहव्वुर राणा ने दो दशकों से अपने पाकिस्तानी दस्तावेज रिन्यू नहीं कराए हैं। उसकी कनाडाई नागरिकता स्पष्ट है।"

    गौरतलब है कि पाकिस्तान कनाडा में बस चुके अपने नागरिकों को दोहरी नागरिकता की इजाजत देता है। अमेरिका के विदेश मंत्री ने 11 फरवरी को तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का आदेश साइन किया था। इसके बाद राणा के वकील ने आदेश को चुनौती देने के लिए आपात स्थगन याचिका दायर की थी। लेकिन 7 अप्रैल को अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने राणा की याचिका खारिज कर दी, जिससे भारत को प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया।

    NIA ने 2009 में दर्ज किया था मामला, चार्जशीट में 9 आरोपी नामजद

    भारत सरकार के गृह मंत्रालय के आदेश पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 11 नवंबर, 2009 को नई दिल्ली के NIA पुलिस स्टेशन में केस RC-04/2009/NIA/DLI दर्ज किया था। यह केस भारतीय दंड संहिता की धारा 121A, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 18 और सार्क आतंकवाद निरोधक अधिनियम की धारा 6(2) के तहत दर्ज किया गया था।

    इस मामले में अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी और तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था। NIA ने दोनों के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिका को अनुरोध भेजा था। पाकिस्तान को भी जांच में सहयोग के लिए लेटर रोगेटरी भेजा गया था, जिसका जवाब अब तक नहीं मिला है।

    NIA की चार्जशीट में शामिल हैं गंभीर धाराएं

    NIA ने जांच पूरी करने के बाद 24 दिसंबर, 2011 को नई दिल्ली के पटियाला हाउस स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें कुल 9 आरोपियों को आईपीसी की धारा 120-B, 121, 121A, 302, 468, 471 और UAPA की धारा 16, 18, 20 के तहत आरोपित किया गया था।

    तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण 2008 के मुंबई हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

    (एएनआई इनपुट के साथ)

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