स्वीडिश रक्षा उत्पाद कंपनी साब अब भारत में बनाएगी हथियार, इस साल से शुरू होगा उत्पादन
स्वीडिश रक्षा उत्पाद कंपनी साब जल्द ही भारत में अपने कार्ल-गुस्ताफ एम4 हथियार प्रणाली के निर्माण के लिए एक संयंत्र स्थापित करेगी। कंपनी के मुताबिक इसका उत्पादन 2024 में शुरू हो जाएगा। यूक्रेन में संघर्ष के बाद से कार्ल-गुस्ताफ हथियार प्रणाली में देशों की रुचि बढ़ी है।

नई दिल्ली, रायटर्स। स्वीडिश रक्षा उत्पाद कंपनी साब (Swedish defence products company Saab) भारत में अपने कार्ल-गुस्ताफ एम4 हथियार प्रणाली (Carl-Gustaf M4 weapons system) के निर्माण के लिए एक संयंत्र स्थापित करेगी। इसका उत्पादन 2024 में शुरू हो जाएगा। वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोरगेन जोहानसन (Gorgen Johansson) ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में यह जानकारी दी। हालांकि, जोहानसन ने उस निवेश के बारे में बताने से इनकार कर दिया, जो कंपनी द्वारा सुविधा में किए जाने की संभावना है।
क्या है कार्ल-गुस्ताफ एम4?
कार्ल-गुस्ताफ एम4 एक रिकोलेस राइफल है, जिसे भारतीय सशस्त्र बलों ने आर्डर किया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि नई सुविधा दुनिया भर में सिस्टम के उपयोगकर्ताओं के लिए इसके उत्पादन के साथ-साथ घटकों का समर्थन करेगी। जोहानसन ने कहा, 'हमने किसी अन्य देश में ऐसा नहीं किया है।'
भारत - रूसी हथियारों का दुनिया का सबसे बड़ा खरीदार है, जो हाल के वर्षों में अपनी रक्षा निर्माण क्षमता का विस्तार करने और अपने सैन्य निर्यात को बढ़ाने पर जोर दे रहा है।
130 अरब से अधिक मूल्य के सैन्य उपकरणों का निर्यात
भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि करीब आठ साल पहले करीब 10 अरब रुपये (122.62 मिलियन डालर) रक्षा निर्यात से, भारत अब 130 अरब रुपये से अधिक मूल्य के सैन्य उपकरणों का निर्यात कर रहा है। उन्होंने रक्षा निर्माताओं की एक सभा को बताया, 'हमने 2025 तक 1.75 ट्रिलियन रक्षा उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जिसमें 350 बिलियन का निर्यात शामिल है।'
यूक्रेन में संघर्ष के बाद से, कार्ल-गुस्ताफ हथियार प्रणाली में रुचि बढ़ी है, जिसका इस्तेमाल टैंकों के खिलाफ किया जा सकता है। जोहानसन ने कहा, 'अधिक देश आगे चलकर टैंक-रोधी क्षमताओं की तलाश करेंगे।'
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से बढ़ा रक्षा बजट
इस साल की शुरुआत में, साब ने कहा कि वह बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए क्षमता को बढ़ावा देगा। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण, जिसे मास्को एक 'विशेष सैन्य अभियान' कहता है, ने साब के घरेलू बाजार स्वीडन सहित कई देशों को रक्षा बजट बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है। ($1 = 81.5510 भारतीय रुपये)

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