कौन हैं सुरेखा यादव जो 30 सितंबर को होंगी रिटायर? आनंद महिंद्रा ने भी दी बधाई
एशिया की पहली लोकोमोटिव पायलट सुरेखा यादव 30 सितंबर को 36 साल की शानदार सेवा के बाद रिटायर हो रही हैं। मध्य रेलवे के अनुसार उन्होंने बाधाओं को तोड़ा और अनगिनत महिलाओं को प्रेरित किया। 2023 में वह सोलापुर से सीएसएमटी तक वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने वाली पहली महिला लोको पायलट भी बनीं। उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें कई सम्मान मिले हैं। आनंद महिंद्रा ने भी उन्हें बधाई दी है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एशिया की पहली महिला लोकोमोटिव पायलट, सुरेखा यादव इस महीने की 30 तारीख को रिटायर होने जा रही हैं। उन्होंने करीब 36 साल तक लोकोमोटिव पायलट के तौर पर अपनी सेवा दी है।
दरअसल, मध्य रेलवे (सीआर) ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी दी है। ट्रेन संख्या 22222, हजरत निजामुद्दीन-सीएसएमटी राजधानी एक्सप्रेस से शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) पहुंचने पर सुरेखा यादव का उनके साथियों ने जोरदार स्वागत किया।
रेलवे ने पोस्ट कर दी जानकारी
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में मध्य रेलवे (सीआर) ने लिखा कि एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर, 36 वर्षों की शानदार सेवा के बाद 30 सितंबर को सेवानिवृत्त होंगी।
पोस्ट में आगे लिखा गया कि एक सच्ची पथप्रदर्शक, उन्होंने बाधाओं को तोड़ा, अनगिनत महिलाओं को प्रेरित किया और साबित किया कि कोई भी सपना अधूरा नहीं है। उनकी यात्रा भारतीय रेलवे में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बनी रहेगी।
Smt. Surekha Yadav, Asia’s First Woman Train Driver, will retire on 30th September after 36 glorious years of service
— Central Railway (@Central_Railway) September 18, 2025
A true trailblazer, she broke barriers, inspired countless women, and proved that no dream is beyond reach.
Her journey will forever remain a symbol of women… pic.twitter.com/5zDOzvkAD4
आनंद महिंद्रा ने भी दी बधाई
वहीं, पहली महिला लोकोमोटिव की रिटायरमेंट पर महिंद्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने एक भावपूर्ण संदेश पोस्ट किया। अपने पोस्ट में उन्होंने सुरेखा यादव सेवानिवृत्ति के बाद के जीवन के लिए शुभकामनाएं दीं।
एक्स पोस्ट में आनंद महिंद्रा ने लिखा कि सुरेखा जी, एक अग्रणी होने के लिए बधाई। और लोगों की सेवा के इतने लंबे करियर के बाद आपकी सेवानिवृत्ति पर मेरी शुभकामनाएं। आज हमें यह याद दिलाने के लिए धन्यवाद कि आप जैसे प्रतिष्ठित परिवर्तनकर्ताओं का सम्मान किया जाना चाहिए और आपके योगदान को कभी नहीं भुलाया जाना चाहिए।
एशिया की पहली लोकोमोटिव पायलट कैसे बनीं सुरेखा यादव?
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के सतारा में जन्मी सुरेखा यादव ने लोको पायलट की नौकरी में आने से पहले इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया था। सुरेखा यादव ने प्रशिक्षि सहायक चालक के रूप में शुरुआत की थी। इसके बाद पारंपरिक रूप से पुरुष प्रधान क्षेत्र में कई बाधाओं को पार करते हुए शीर्ष तक पहुंचीं।
बता दें कि एशिया की पहली लोकोमोटिव पायलट होने के साथ वह 2023 में सोलापुर से सीएसएमटी तक ट्रेन चलाकर पहली महिला वंदे भारत एक्सप्रेस लोको पायलट भी बनीं। अपनी उपलब्धियों के लिए, उन्हें राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई सम्मान प्राप्त हुए हैं।
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