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    SC: आरजी कर दुष्कर्म-हत्या मामले में आज सुनवाई करेगी चीफ जस्टिस की बेंच, संजय राय के उम्रकैद के फैसले को दी गई चुनौती

    Updated: Wed, 22 Jan 2025 07:13 AM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट बुधवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला प्रशिक्षु के साथ दुष्कर्म-हत्या मामले की फिर से सुनवाई करेगा। कोर्ट की वेबसाइट के अनुसार चीफ जस्टिस संजीव खन्ना जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विस्वनाथन की पीठ सुनवाई करेगी। हाई कोर्ट ने दोषी को मृत्यु दंड दिए जाने की अपील पर सुनवाई के लिए स्वीकृति दे दी है।

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    आरजी कर दुष्कर्म-हत्या मामले में आज सुनवाई करेगी चीफ जस्टिस की बेंच

     एएनआइ, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट बुधवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला प्रशिक्षु के साथ दुष्कर्म-हत्या मामले की फिर से सुनवाई करेगा। कोर्ट की वेबसाइट के अनुसार चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विस्वनाथन की पीठ सुनवाई करेगी।

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    संजय राय के आजीवन कारावास के फैसले को चुनौती

    हालांकि, इस बीच मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए कोलकाता की विशेष अदालत द्वारा इस मामले में दोषी करार दिए गए संजय राय के आजीवन कारावास के फैसले को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने दोषी को मृत्यु दंड दिए जाने की अपील पर सुनवाई के लिए स्वीकृति दे दी है।

    इससे पहले नवंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि अदालत इस मामले की सुनवाई को बंगाल के बाहर स्थानांतरित करने के लिए कोई निर्देश नहीं जारी करेगी। तत्कालीन चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस संबंध में एक वकील द्वारा की गई अपील को खारिज कर दिया था।

    कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर से दुष्कर्म एवं हत्या के मामले में न्यायाधीश दास ने सोमवार को दोषी सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को आजीवन कारावास (मृत्यु होने तक) की सजा सुनाई है।

    दोषी को क्यों नहीं दी गई फांसी?

    न्यायाधीश दास ने दोषी को मृत्युदंड न देने के पीछे एक कारण के रूप में 1980 के बच्चन सिंह बनाम पंजाब सरकार मामले में सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले में मौत की सजा के क्रियान्वयन के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के कुछ दिशानिर्देश हैं। मृत्युदंड के निष्पादन के लिए उस निर्देश में निर्धारित सख्त मानदंडों के साथ आरजी कर की घटना की तुलना नहीं की जा सकती। इसलिए इस अपराध को दुर्लभतम घटना नहीं कहा जा सकता।

    अपराध में कुल 50 लोग शामिल

    मालूम हो कि पिछले साल नौ अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हाल से महिला डॉक्टर का शव बरामद हुआ था। घटना वाली रात मेरी बेटी के साथ चार और लोग थे दरिंदगी की शिकार महिला चिकित्सक के माता-पिता ने रविवार को दावा किया है कि घटना वाली रात उनकी बेटी के साथ उसके चार सहकर्मी भी मौजूद थे। उनका कहना है कि अपराध में कुल 50 लोग शामिल हैं। उन्होंने सीबीआइ को यह सभी बातें बताई हैं। पीड़िता के माता-पिता का यह भी कहना है कि इस मामले में सीबीआइ और पुलिस ने उचित तरह से जांच नहीं की।

    दोषी की मां बोलीं- उसे उसके किए की सजा मिलनी चाहिए

    मामले में दोषी संजय राय की मां ने रविवार को कहा कि अगर उनका बेटा दोषी है तो उसे उसके किए की सजा मिलनी चाहिए, फिर भले ही वह सजा फांसी ही क्यों न हो। राय की मां मालती राय ने कहा कि वह अकेले में रोएंगी लेकिन उसकी सजा को नियति मानकर स्वीकार करेंगी।

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