Yes Bank Fraud Case: DHFL के पूर्व सीएमडी कपिल वधावन ने मांगी जमानत, SC ने कहा- पहले AIIMS में होगी जांच...!
यस बैंक धोखाधड़ी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी DHFL के पूर्व सीएमडी कपिल वधावन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एम्स से कपिल के स्वास्थ्य की जांच के लिए एक टीम गठित करने के लिए कहा है।
नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एम्स दिल्ली (AIIMS Delhi) के निदेशक को डॉक्टरों की एक टीम गठित करने और दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के पूर्व सीएमडी कपिल वधावन (Kapil Wadhawan) के स्वास्थ्य की जांच करने के लिए कहा। कपिल वधावन पर करोड़ों रुपये के यस बैंक धोखाधड़ी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया है।
एम्स की जांच रिपोर्ट के आधार पर मेडिकल बेल पर होगा फैसला
जस्टिस के एम जोसेफ और हृषिकेश रॉय की पीठ ने आदेश दिया कि वधावन को तुरंत ले जाया जाए और डॉक्टरों द्वारा जांच की जाए। हमने पक्षों के वकील को सुना है। हमें लगता है कि आवेदक को तुरंत लिया जाना चाहिए और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टरों द्वारा जांच की जानी चाहिए। मेडिकल बेल पर विचार के लिए अदालत को जांच की रिपोर्ट भेज दी जाए। ये रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर अदालत को भेजी जाए। एम्स के निदेशक कपिल की जांच करने के लिए आवश्यक डॉक्टरों की एक टीम का गठन करें। इस मामले की अगली सुनवाई 10 नंवबर हो होगी।
कपिल वधावन की हुई हैं पांच सर्जरी
मामले की सुनवाई के दौरान इससे पहले वधावन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया कि कपिल की पांच सर्जरी हो चुकी हैं और उन्होंने चिकित्सा आधार पर तत्काल रिहाई की मांग की है। इस दौरान उन्हें अच्छा इलाज मिले, ये उनका अधिकार है। इसके साथ ही उन्होंने कहा सर्जरी होने के कारण कपिल वधावन को लगातार इलाज की जरूरत है, जो जेल में मिलना संभव नहीं है। इधर, प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि जेल में उनकी देखभाल की जा सकती है।
मामले में 18 व्यक्ति और 57 कंपनियां नामित
बता दें कि सीबीआई के आरोप पत्र में 18 व्यक्तियों और 57 कंपनियों को नामित किया गया है। इसमें एक अधिवक्ता अजय वजीरानी, व्यवसायी अजय नवंदर, कई चार्टर्ड अकाउंटेंट, डीएचएफएल के पूर्व अधिकारियों को नामजद किया गया है। बता दें कि सीबीआई ने 17 बैंकों के समूह का नेतृत्व करने वाले यूनियन बैंक आफ इंडिया की शिकायत पर वधावन और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
कपिल वधावन और उनके भाई धीरज वधावन को ईडी ने 14 मई को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। ईडी ने सीबीआई द्वारा मार्च में दाखिल की गई एफआई के आधार पर मामला दर्ज किया था। सीबीआई और ईडी के अनुसार, यस बैंक ने अप्रैल और जून 2018 के बीच डीएचएफएल के अल्पकालिक गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर में लगभग 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया।
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