सभी दुकानों पर लिखना होगा मालिकों का नाम? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य से मांगा जवाब; जानें पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है जिसमें दुकानों के बाहर मालिकों के नाम पते और फोन नंबर प्रदर्शित करने का आदेश मांगा गया है। याचिकाकर्ता ने उपभोक्ताओं के राइट टु नो का हवाला देते हुए कहा कि उपभोक्ताओं को विक्रेता की जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है ताकि वे शिकायत कर सकें।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सभी दुकानों के द्वार पर मालिकों के नाम, पते, फोन नंबर प्रदर्शित करने का आदेश मांगने वाली जनहित याचिका पर सोमवार को केंद्र व सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
इस याचिका में उपभोक्ताओं के राइट टु नो (जानने के अधिकार) की दुहाई देते हुए केंद्र और राज्य सरकारों को सभी दुकानों पर दुकानदारों के नाम, पते फोन नंबर आदि प्रदर्शित करने का आदेश मांगा गया है।
राज्यों सरकारों को चार हफ्ते में देना होगा जवाब
सोमवार को न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय की ओर से पेश वकील एकलव्य द्विवेदी की दलीलें सुनने के बाद प्रतिवादी बनाई गई केंद्र सरकार व सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
दुकानदार के बारे में जानने का पूरा हक
याचिका में उपभोक्ताओं को मिले जानने के अधिकार की दुहाई देते हुए कहा गया है कि प्रत्येक उपभोक्ता को न सिर्फ उत्पाद की गुणवत्ता, मात्रा, शुद्धता, स्टैंर्डड, निर्माण और एक्सपाइयरी तिथि तथा बीआइएस व एफएसएसएआइ प्रमाणपत्र ही जानने का अधिकार है बल्कि उपभोक्ता का यह भी अधिकार है कि वह उत्पाद बेचने वाले दुकानदार, वितरक व डीलर का ब्योरा भी जाने। ताकि वह अपनी शिकायत या समस्या के समाधान के लिए या फिर अनुचित व्यापार व्यवहार के खिलाफ शिकायत कर सके।
याचिका में कहा गया है कि उपभोक्ता को उपभोक्ता संरक्षण कानून 2019 की धारा 2(6), 2(9) और 2(11) के तहत यह अधिकार मिला हुआ है। इसलिए केंद्र सरकार व सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया जाए कि वे सुनिश्चित करें कि सभी दुकानदार, डीलर, वितरक प्रवेश द्वार पर बड़े अक्षरों में पंजीकरण नंबर के साथ नाम, पता, फोन नंबर और कर्मचारियों का ब्योरा लिखें।
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