सुप्रीम कोर्ट ने लिंग परिवर्तन सर्जरी से जुड़ी याचिका पर केंद्र-सीएआरए से मांगा जवाब, एडिशनल सॉलिसिटर को दिया ये निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अनियमित लिंग परिवर्तन सर्जरी से जुड़ी याचिका पर केंद्र सरकार केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (सीएआरए) और अन्य से जवाब मांगा। याचिका में अनियमित लिंग परिवर्तन सर्जरी कराने वाले इंटरसेक्स बच्चों के हितों की सुरक्षा के लिए निर्देश देने की मांग की गई है। साथ ही कोर्ट ने एडिशनल सॉलिसिटर से सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की सहायता करने का निर्देश दिया है।

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अनियमित लिंग परिवर्तन सर्जरी से जुड़ी याचिका पर केंद्र सरकार, केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (सीएआरए) और अन्य से जवाब मांगा। याचिका में अनियमित लिंग परिवर्तन सर्जरी कराने वाले इंटरसेक्स बच्चों के हितों की सुरक्षा के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।
इंटरसेक्स लोग ऐसे व्यक्ति होते हैं जो पुरुष और महिला के जैविक गुणों के संयोजन के साथ पैदा होते हैं और ये पुरुष अथवा महिला शरीर की अवधारणाओं के अंतर्गत नहीं आते हैं।
एडिशनल सॉलिसिटर से सुनवाई के दौरान सहायता करने के निर्देश
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने याचिकाकर्ता मदुरै निवासी गोपी शंकर एम. की ओर से पेश अधिवक्ता की दलीलों पर ध्यान दिया और नोटिस जारी करने का आदेश दिया। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से याचिका की सुनवाई के दौरान सहायता करने को कहा।
याचिका में कई मंत्रालय पक्षकार
याचिका में केंद्रीय गृह मंत्रालय, सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कानून एवं न्याय मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को पक्षकार बनाया गया है। याचिका में रजिस्ट्रार जनरल, भारत के जनगणना आयुक्त और सीएआरए को भी पक्षकार बनाया गया है।
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