नीट-पीजी सीट आरक्षण पर SC ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब, परीक्षा की प्रक्रिया पर हलफनामा दाखिल करने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर (नीट-पीजी) सीट आरक्षण को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार से जवाब मांगा। पीठ ने केंद्र की ...और पढ़ें

नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर (नीट-पीजी) सीट आरक्षण को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार से जवाब मांगा। कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया गया है कि आरक्षित वर्ग के मेधावी छात्र जिन्होंने नीट-पीजी-22 परीक्षा में इतने अंक प्राप्त किए कि उनका दाखिला सामान्य सीटों पर होना चाहिए, लेकिन उन्हें आरक्षित वर्ग की सीटें दी गईं।
पीठ ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस जेबी पार्डीवाला की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी को परीक्षा में अपनाई जा रही सटीक प्रक्रिया के बारे में हलफनामा दाखिल करने को कहा। याचिकाकर्ता पंकज कुमार मंडल और अन्य की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि जिन उम्मीदवारों ने आरक्षित वर्ग में आवेदन किया था, लेकिन उन्होंने सामान्य श्रेणी में प्रवेश के लिए आवश्यक अंक प्राप्त किए। इसके बावजूद आरक्षित वर्ग की सीटें आवंटित की जा रही हैं।
अगली सुनवाई 21 नवंबर को
भूषण ने कहा कि नीट- पीजी -2022 परीक्षा में अपनाई गई नीति से बहुत सारे छात्र प्रभावित हैं। ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि आरक्षण नीति का पालन किया गया। अब इस मामले की सुनवाई 21 नवंबर को होगी।
नीट पीजी के लिए माक अप की तारीख बढ़ी
सुनवाई कर रही पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र जैसे राज्य केंद्र की ओर से इसके बाद माप-अप राउंड की शुरुआत कर सकते हैं। अदालत ने नीट-पीजी के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 16 नवंबर को शाम छह बजे तक काउंसलिंग के दूसरे दौर को समाप्त करने का समय दिया है और उसी दिन एमसीसी को डेटा जमा करने के लिए कहा है। वहीं, अब नीट पीजी के लिए माप-अप राउंड की तारीख बढ़ाकर अंतिम तिथि 16 नवंबर तक कर दी गई है।

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