Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'पत्नी IPS है... जीवन भर कष्ट सहना पड़ेगा', सुप्रीम कोर्ट ने कहा- देश में कानून से ऊपर कोई नहीं

    वैवाहिक विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ी टिप्पणी की। अदालत ने पति-पत्नी को विवाद सुलझाने की सलाह दी। दोनों पक्षों के वकीलों का कहना है कि बैठक शौहार्दपूर्ण हल निकालने की कोशिश की जाएगी। इसके बाद अदालत ने दो हफ्ते तक सुनवाई स्थगित कर दी। अदालत ने यह भी कहा कि अगर कोई उत्पीड़न होता है तो हम आपकी रक्षा के लिए यहां हैं।

    By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Thu, 30 Jan 2025 09:36 PM (IST)
    Hero Image
    वैवाहिक विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी।

    पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक व्यवसायी और उसकी अलग रह रही पत्नी (आईपीएस अधिकारी) के बीच विवाद को लेकर कहा कि इस देश में कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। व्यवसायी के वकील ने आशंका जताई कि उसे जीवनभर कष्ट सहना पड़ेगा, क्योंकि उसकी अलग रह रही पत्नी आईपीएस अधिकारी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस पर जस्टिस बीआर गवई, आगस्टीन जार्ज मसीह और के विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा कि दोनों पक्षों को न्याय के हित में अपना विवाद सुलझा लेना चाहिए।

    हम आपकी की रक्षा के लिए यहां हैं: पीठ

    पीठ ने वकील से कहा, वह आईपीएस अधिकारी हैं। आप एक व्यवसायी हैं। अदालत में अपना समय बर्बाद करने के बजाय आपको इसे सुलझा लेना चाहिए। अगर कोई उत्पीड़न होता है तो हम आपकी रक्षा के लिए यहां हैं। वकील ने कहा कि महिला द्वारा दर्ज कराए गए मामलों के चलते उनके मुवक्किल और उनके पिता जेल में बंद हैं।

    नौकरी लेने में आपकी रुचि है

    वकील ने आरोप लगाया कि अलग रह रही पत्नी ने गलत बयान दिया है कि उसके खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं है। सच्चाई यह है कि पुलिस सेवा में शामिल होने के समय जिस दिन उसने फार्म भरा था, उसी दिन उसके खिलाफ दो एफआईआर दर्ज हो गई थीं। इस पर पीठ ने कहा कि आप यह सुनिश्चित करने में अधिक रुचि रखते हैं कि उसकी नौकरी चली जाए।

    समझौते में कोई दिलचस्पी नहीं

    वकील ने कहा कि अगर उसने अपने फार्म में कोई गलत घोषणा की है तो गृह मंत्रालय को कार्रवाई करनी चाहिए। इस पर पीठ ने कहा कि आप अपनी जान बचाने में रुचि नहीं रखते हैं। आप यह सुनिश्चित करने में रुचि रखते हैं कि उसका करियर खत्म हो जाए। आखिरकार उसका जीवन बर्बाद करने की प्रक्रिया में आप अपना जीवन भी बर्बाद कर देंगे। यह बहुत स्पष्ट है कि इस व्यक्ति को समझौते में कोई दिलचस्पी नहीं है।

    दो सप्ताह के लिए टली सुनवाई

    पीठ ने कहा कि आप अपना जीवन खुशी से जीने में रुचि नहीं रखते हैं। आप केवल किसी और का जीवन बर्बाद करने में रुचि रखते हैं। पीठ ने कहा कि अगर पक्षकार अनिच्छुक हैं तो वह उन पर समझौते के लिए दबाव नहीं डाल सकती और सुझाव दिया कि वे विवादों को सुलझा लें।

    दोनों पक्षों की ओर से पेश वकीलों ने कहा कि दोनों पक्ष एक साथ बैठेंगे और विवादों का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने का प्रयास करेंगे। इसके बाद पीठ ने सुनवाई दो सप्ताह बाद के लिए टाल दी।

    यह भी पढ़ें: कर्नाटक में कांग्रेस की राह पर भाजपा, अनुशासनहीनता नए चरम पर, पद के लिए विधायक यतनाल ने केंद्रीय नेतृत्व पर लगाए आरोप

    यह भी पढ़ें: चीन के DeepSeek के बाद सऊदी अरब ने पेश किया अपना AI चैटबॉट, रेयान रखा नाम, सिर्फ इन सवालों के मिलेंगे जवाब