'अपराध को ऑनलाइन दिखाना...' पत्रकार ने महिला राजनेता का अभद्र वीडियो YouTube पर किया अपलोड, कोर्ट ने लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने केरल के पत्रकार नंदकुमार टीपी को उनके यूट्यूब चैनल क्राइम ऑनलाइन पर एक महिला राजनेता के खिलाफ अपमानजनक वीडियो प्रसारित करने के लिए फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि सजा या बरी करने का निर्णय यूट्यूब वीडियो के आधार पर नहीं होता है। शीर्ष अदालत ने पत्रकार की अंतरिम जमानत अवधि बढ़ा दी जिन पर महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने जैसे आरोप हैं।

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केरल के एक पत्रकार को अपने यूट्यूब चैनल ''क्राइम ऑनलाइन'' पर एक प्रमुख महिला राजनेता के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक वीडियो प्रसारित करने के लिए फटकार लगाई। जस्टिस बीवी नागरत्ना और केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा, क्या आप अपने यूट्यूब वीडियो के आधार पर लोगों को दोषी ठहराना चाहते हैं?
सजा या बरी करने का निर्णय यूट्यूब वीडियो के आधार पर नहीं होता। यह काम अदालतें करती हैं। यूट्यूब पर कुछ अच्छी बातें क्यों नहीं कहते? आप अपराध को ऑनलाइन क्यों डाल रहे हैं?
केरल को 'ईश्वर का देश' कहा जाता है। वहां पर कुछ अच्छी चीजें हो रही हैं। इसके बारे में भी बताया कीजिए। इस बीच, शीर्ष अदालत ने पत्रकार नंदकुमार टीपी की अंतरिम जमानत अवधि बढ़ा दी, जिसके लिए उन्होंने अनुरोध किया था।
पत्रकार पर क्या था आरोप?
उन पर भारतीय न्याय संहिता के प्रविधानों के तहत महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने, धमकाने और इलेक्ट्रानिक रूप से अश्लील सामग्री प्रसारित करने के अलावा प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया था। उन पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत भी मामला दर्ज किया गया था, जो इलेक्ट्रानिक रूप में अश्लील सामग्री के प्रसारण पर दंड का प्रविधान करता है।
राज्य पुलिस ने आरोप लगाया कि नंदकुमार द्वारा पोस्ट किए गए यूट्यूब वीडियो में अपमानजनक, अश्लील और धमकी भरी टिप्पणियां थीं, जिसका उद्देश्य महिला नेता की प्रतिष्ठा को धूमिल करना था। इससे पहले केरल हाई कोर्ट ने अंतरिम जमानत की अर्जी ठुकरा दी थी।
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