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    Cash discovery row: जस्टिस यशवंत वर्मा को SC से बड़ा झटका, जांच समिति की रिपोर्ट को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

    By Agency Edited By: Chandan Kumar
    Updated: Thu, 07 Aug 2025 11:06 AM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की याचिका खारिज कर दी है जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने की सिफारिश को चुनौती दी थी। कोर्ट ने कहा कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का आचरण विश्वास पैदा नहीं करता इसलिए उनकी याचिका पर विचार नहीं किया जाना चाहिए।

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    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का आचरण विश्वास पैदा नहीं करता है।

    एएनआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने आंतरिक तीन न्यायाधीशों की जांच समिति की रिपोर्ट और पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की ओर से उनके खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने की सिफारिश को चुनौती दी थी।

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    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का आचरण विश्वास पैदा नहीं करता, इसलिए उनकी याचिका पर विचार नहीं किया जाना चाहिए।

    जस्टिस वर्मा ने याचिका में क्या कहा था?

    जस्टिस वर्मा ने अपनी याचिका में दावा किया था कि इन-हाउस जांच प्रक्रिया असंवैधानिक है और यह संसद के विशेषाधिकार को कमजोर करती है, क्योंकि जजों को हटाने का अधिकार केवल संसद को है, जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 124 और 218 में कहा गया है।

    उन्होंने यह भी कहा कि कमेटी ने उन्हें उचित सुनवाई का मौका नहीं दिया और सबूतों की अनदेखी की। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि इन-हाउस प्रक्रिया को पहले के फैसलों में वैध ठहराया जा चुका है। 

    सीजेआई ने अपना कर्तव्य निभाया: SC

    सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि पूर्व सीजेआई संजीव खन्ना ने कमेटी की रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजकर अपनी जिम्मेदारी निभाई।

    कोर्ट ने कहा था, "सीजेआई सिर्फ एक डाकघर नहीं है। अगर किसी जज के खिलाफ कदाचार के सबूत हैं, तो उनकी ड्यूटी है कि वह इसे सरकार तक पहुंचाएं।" 

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