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    अभिषेक मनु सिंघवी की कोई दलील नहीं आई काम, महाराष्ट्र चुनाव से पहले शरद पवार को SC से लगा झटका

    By Agency Edited By: Piyush Kumar
    Updated: Thu, 24 Oct 2024 04:48 PM (IST)

    घड़ी चुनाव निशान को लेकर आज शरद पवार के अगुआई वाली एनसीपी की ओर से दायर याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। याचिका में मांग की गई है कि दोनों गुटों को घड़ी चुनाव चिन्ह का उपयोग न करने का निर्देश दिया जाए। हालांकि कोर्ट ने शरद पवार गुट को झटका देते हुए कहा कि अजित पवार इस विधानसभा चुनाव में घड़ी चुनाव निशान का इस्तेमाल कर सकेंगे।

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    Maharashtra Assembly Elections: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में घड़ी का उपयोग कर सकती है एनसीपी।(फोटो सोर्स: जागरण)

    पीटीआई, नई दिल्ली। एनसीपी (NCP) के 'घड़ी' चुनाव निशान को लेकर आज शरद पवार गुट की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की।

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    याचिका में मांग की गई है कि दोनों गुटों को 'घड़ी' चुनाव चिन्ह का उपयोग न करने का निर्देश दिया जाए। सुनवाई के दौरान शरद पवार गुट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को ऐसे चिन्ह का उपयोग नहीं करना चाहिए जो कोर्ट में विचाराधीन है।

    एनसीपी (शरद पवार) ने दो अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव चिन्ह घड़ी के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की थी। 

    कोर्ट ने शरद पवार गुट की बात को मानने से किया इनकार  

    हालांकि, कोर्ट ने शरद पवार गुट को झटका देते हुए कहा कि अजित पवार इस विधानसभा चुनाव में घड़ी चुनाव निशान का इस्तेमाल कर सकेंगे।  सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार से कहा कि एनसीपी को आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए ‘घड़ी’ निशान का इस्तेमाल करना चाहिए। 

    हालांकि, कोर्ट ने कहा कि एनसीपी को एक डिस्क्लेमर भी देना चाहिए कि घड़ी चुनाव निशान का इस्तेमाल अदालतों में विवाद का विषय है और यह शरद पवार द्वारा दायर याचिका के अंतिम फैसले के अधीन है।

    जनता में भ्रम फैला रही अजित पवार की पार्टी: अभिषेक मनु सिंघवी

    अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अजित पवार से जुड़ा धड़ा घड़ी चुनाव निशान का इस्तेमाल करके मददाताओ के मन में भ्रम पैदा कर रहा है। सिंघवी ने तर्क दिया कि चूंकि उन्होंने (अजित पवार गुट) न्यायालय द्वारा लगाई गई शर्तों का पालन नहीं किया है, इसलिए उन्हें घड़ी के प्रतीक का उपयोग करने से रोका जाना चाहिए।

    अजित गुट की ओर से क्या कहा गया?

    अजीत पवार की ओर से वरिष्ठ वकील बलबीर सिंह ने सिंघवी की दलीलों का खंडन किया और दावा किया कि सभी पैम्फलेट और प्रचार सामग्री में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अस्वीकरण है। उन्होंने सभी सामग्री कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने की पेशकश की और ऐसा करने के लिए समय मांगा।

    सुप्रीम कोर्ट का पालन नहीं कर रहे अजित गुट: अभिषेक मनु सिंघवी

    इसके बाद अभिषेक मनु सिंघवी ने पोस्टरों के कुछ स्क्रीनशॉट पेश किए, जिनके बारे में उन्होंने कहा कि 'घड़ी' चिन्ह को एनसीपी और अजित पवार के आधिकारिक 'एक्स' हैंडल और फेसबुक पेजों से पोस्ट किया गया था और कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं करते हैं। 

    कोर्ट ने क्या कहा?

    इसके बाद न्यायमूर्ति कांत ने कहा," एक बार जब हमने कोई निर्देश जारी कर दिया है, तो उसका पालन करना होगा। आप जवाब दाखिल करें और एक नया हलफनामा दें कि अतीत में भी आपने उल्लंघन नहीं किया है और भविष्य में भी आप उल्लंघन नहीं करेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि दोनों पक्ष हमारे निर्देशों का पालन करेंगे। वहीं, कोर्ट ने दोनों गुटों से कहा कि वो अपने लिए शर्मनाक स्थिति न बनाएं। अगर हमें लगता है कि हमारे आदेश का जानबूझकर उल्लंघन करने का प्रयास किया जा रहा है, तो हम स्वतः अवमानना ​​की कार्रवाई शुरू कर सकते हैं।" कोर्ट अब अगली सुनवाई 6 नवंबर को करेगी।"

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