चेक बाउंस मामलों में आ सकता है बड़ा फैसला, सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से मांगी स्टेटस रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चेक बाउंस मामलों के निपटान में तेजी लाने के लिए उठाए गए कदमों पर छह सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 की धारा 138 के तहत सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चेक बाउंस मामलों के निपटारे में तेजी लाने के लिए उठाए गए कदमों पर छह सप्ताह के भीतर आवश्यक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने यह आदेश तब पारित किया जब वह स्वत: संज्ञान लेकर एक मामले की सुनवाई कर रही थी, जो नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 138 के तहत मामलों की शीघ्र सुनवाई से संबंधित है।
आवश्यक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश
इस एक्ट की धारा 138 खाते में धनराशि की कमी आदि के कारण चेक का भुगतान नहीं होने से संबंधित है। न्यायमित्र के रूप में न्यायालय की सहायता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने सर्वोच्च न्यायालय के मई, 2022 के आदेश का हवाला दिया। इसमें एक पायलट अध्ययन के रूप में इन मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए पांच राज्यों में सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों की सहायता से 25 विशेष अदालतें गठित करने का निर्देश दिया गया था।
लूथरा ने कहा, 'हमें देखना होगा कि पायलट परियोजना काम कर रही है या नहीं।' उन्होंने बताया कि उन्होंने इस मामले में एक आवेदन दायर किया है। उन्होंने कहा, 'हम एक स्थिति रिपोर्ट चाहते हैं जिसमें निपटारे में तेजी लाने के लिए उठाए गए कदमों.. रिक्तियों और नियुक्तियों से संबंधित आंकड़े शामिल हों।'
पीठ ने सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार जनरल को छह सप्ताह के भीतर आवश्यक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इसने मामले को छह सप्ताह बाद सूचीबद्ध किया। गौरतलब है कि मई, 2022 के अपने आदेश में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि बड़ी संख्या में लंबित मामलों को देखते हुए महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत विशेष अदालतें स्थापित की जाएंगी।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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