'मुठभेड़ में मारे गए नक्सली कमांडर के शव का न हो अंतिम संस्कार', सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कही ये बात?
सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को नक्सल कमांडर रामचंद्र रेड्डी के शव को संरक्षित रखने का निर्देश दिया है। रेड्डी के बेटे ने पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। कोर्ट ने हाई कोर्ट से दशहरे की छुट्टियों के बाद मामले पर सुनवाई करने को कहा है और तब तक शव को सुरक्षित रखने का आदेश दिया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ सरकार से शीर्ष नक्सल कमांडर रामचंद्र रेड्डी के शव को संरक्षित करने को कहा है। नारायणपुर जिले में पुलिस के फर्जी एनकाउंटर में रेड्डी के मारे जाने का आरोप लगाकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
याचिका में स्वतंत्र एजेंसी, जैसे सीबीआई से जांच की मांग की गई है। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और एजी मसीह की पीठ ने कहा कि जब तक छत्तीसढ़ हाई कोर्ट फर्जी एनकाउंटर के आरोप लगाने वाली और मामले की जांच की मांग वाली याचिका पर फैसला नहीं कर लेता, तब तक शव का न अंतिम संस्कार किया जाए और न दफनाया जाए।
छुट्टियों के बाद होगी याचिका पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से दशहरे की छुट्टियों के बाद इस याचिका पर सुनवाई के लिए कहा है। रेड्डी के बेटे राजा चंद्र की तरफ से वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्विस ने दलील दी कि रेड्डी को यातना दी गई और फर्जी एनकाउंटर में मार दिया गया।
तुषार मेहता ने क्या कहा?
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने राज्य पुलिस की तरफ से कहा कि मुठभेड़ में दो लोग मारे गए और याचिकाकर्ता के पिता पर सात राज्यों की तरफ से सात करोड़ का इनाम रखा गया था। रामचंद्र रेड्डी का शव अस्पताल में रखा हुआ है। उसके पोस्टमार्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई है।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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