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    तिरुपति लड्डू मामले में सुप्रीम कोर्ट ने CBI निदेशक को दी राहत, हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 10:32 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति लड्डू मामले में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाकर सीबीआई निदेशक को राहत दी। हाई कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई निदेशक ने तिरुमाला तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसादम तैयार करने में इस्तेमाल किए जा रहे मिलावटी घी की जांच करते समय शीर्ष अदालत के निर्देशों का उल्लंघन किया।

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    सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के निदेशक को दी राहत। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति लड्डू मामले में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाकर सीबीआई निदेशक को शुक्रवार को बड़ी राहत दी। आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने कहा था कि तिरुमाला तिरुपति मंदिर के 'लड्डू प्रसादम' तैयार करने में इस्तेमाल किए जा रहे ''मिलावटी घी'' की जांच करते समय सीबीआई निदेशक ने शीर्ष अदालत के निर्देशों का उल्लंघन किया।

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    हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सीबीआइ निदेशक की याचिका पर प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा कि यदि किसी विशेष अधिकारी को जांच में सहायता करने के लिए कहा जाता है तो इसमें कुछ गलत नहीं है।

    पीठ ने क्या पूछा?

    पीठ ने पूछा, यदि एसआइटी किसी विशेष अधिकारी को नियुक्त करना चाहती है, तो इसमें क्या गलत है? जांच एजेंसी की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सीबीआई निदेशक ने व्यक्तिगत रूप से एसआईटी के सदस्यों के साथ बैठक बुलाई, मामले की समीक्षा की और जे वेंकट राव को सीमित भूमिका में जांच अधिकारी के रूप में कार्य करने की अनुमति दी।

    प्रतिवादी वकील ने क्या कहा?

    प्रतिवादी के वकील, जिन्होंने मूल रूप से हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश में एसआईटी की संरचना स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट की गई थी। इसमें सीबीआई निदेशक द्वारा नामित दो सीबीआई अधिकारियों, आंध्र प्रदेश पुलिस द्वारा नामित दो अधिकारियों और खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी का होना अनिवार्य था। किसी अन्य अधिकारी को अनुमति देना शीर्ष अदालत के आदेश का उल्लंघन है। हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए पीठ ने प्रतिवादी को सीबीआई निदेशक की याचिका का उत्तर दाखिल करने के लिए कहा।

    जब प्रतिवादी के वकील ने कहा कि अधिकारी जांच अधिकारी की भूमिका निभा रहा है और प्रतिवादी को स्वीकारोक्ति करने के लिए मजबूर कर रहा है, तो प्रधान न्यायाधीश ने कहा, आप शिकायत करें। हाई कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि सीबीआई निदेशक ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का औपचारिक हिस्सा न होने वाले अधिकारी जे. वेंकट राव को मामले की जांच करने की अनुमति देकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किया।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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