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    'जहां कोई स्कूल नहीं वहां...', सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को दिया बड़ा आदेश

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 07:30 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को निर्देश दिया है कि मलप्पुरम जिले के मंजेरी जैसे क्षेत्रों में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय खोले जाएं जहां विद्यालयों की कमी है। कोर्ट ने कहा कि सरकार को तीन महीने में नीति बनानी होगी और जरूरत पड़ने पर निजी भवनों का उपयोग करना होगा। ग्राम पंचायतों को साइट लिस्ट देने और सेवानिवृत्त शिक्षकों को नियुक्त करने का भी सुझाव दिया गया है।

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    सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मलप्पुरम जिले के मंजेरी में स्कूल की जरूरत के बारे में एक सुनवाई में कहा कि केरल सरकार को उन इलाकों में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल खोलने होंगे जहां कोई स्कूल नहीं है। इसमें वे इलाके भी शामिल होंगे जिनकी भौगोलिक जमीन मुश्किल है।

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    भारत के चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि केरल राज्य को इस बारे में तीन महीने के अंदर नीति का फैसला लेना चाहिए। दूसरे चरण में जब 1 किमी. के दायरे में कोई प्राथमिक स्कूल और 3 किमी. के दायरे में कोई उच्च प्राथमिक स्कूल न हो तो स्कूल जरूर बनाना होगा।

    सुप्रीम कोर्ट के आदेश में क्या?

    सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, "हमें पता है कि राज्य सरकार के पास जरूरी स्कूलों के अच्छे निर्माण के लिए फंड नहीं हो सकता है... कुछ निजी इमारतों की पहचान की जाए जहां कामचलाऊ इंतजाम के तौर पर स्कूल बनाए जा सकें। ऐसा इंतजाम हमेशा नहीं चल सकता और इसके लिए जरूरी बजट का आवंटन किया जाना चाहिए।"

    कोर्ट ने कहा कि ग्राम पंचायतों को सरकार को उपलब्ध साइट लिस्ट देने का निर्देश दिया जा सकता है। जजों ने कहा कि जब तक रेगुलर टीचर नहीं मिल जाते, रिटायर्ड टीचरों को नियुक्त किया जाना चाहिए।

    राज्य को ऐसे इलाकों में स्कूल खोलने के लिए चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन को बुलाने की भी आज़ादी होगी, बशर्ते एडमिशन में पारदर्शिता हो और कोई कैपिटेशन फीस न हो; बराबरी के सिद्धांतों का पालन किया जाए, सही इंफ्रास्ट्रक्चर पक्का किया जाए, राइट टू एजुकेशन एक्ट का पालन किया जाए।

    केरल हाई कोर्ट ने क्या कहा था?

    29 जुलाई, 2020 को केरल उच्च न्यायालय ने एक स्थानीय निवासी की याचिका के बाद राज्य और सार्वजनिक निर्देश निदेशक को मंजेरी नगरपालिका के एलम्ब्रा क्षेत्र में एक निचला प्राथमिक विद्यालय खोलने के लिए कहा था। एलम्ब्रा के लोगों को तीन या चार किलोमीटर दूर प्राइमरी स्कूलों पर निर्भर रहना पड़ता था। ज्यादातर मुस्लिम बच्चे, खेतिहर मजदूरों और कुलियों के लगभग 350 परिवारों से आते हैं।

    केरल सरकार ने हाई कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। दशकों से राज्य का कहना रहा है कि वह "व्यक्तिगत अनुरोधों" पर विचार नहीं कर सकता, क्योंकि स्कूल का निर्माण तभी किया जा सकता है जब सरकार द्वारा की गई स्कूल मैपिंग के दौरान ऐसी "शिक्षा की ज़रूरत" की पहचान की जाए।

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