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    'आधार कार्ड और वोटर आईडी को पुनरीक्षण में मान्य करें', सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयोग को निर्देश

    Updated: Tue, 29 Jul 2025 06:42 AM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के दौरान आधार कार्ड और वोटर आईडी को मान्य करने का आदेश दिया है। अदालत ने चुनाव आयोग के इस रुख पर चिंता जताई कि वह इन दस्तावेजों को मतदाता पहचान के लिए स्वीकार नहीं कर रहा है। कोर्ट ने कहा कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए ये दस्तावेज पर्याप्त और विश्वसनीय हैं।

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    बिहार में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही।(फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि बिहार में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के दौरान आधार कार्ड और वोटर आईडी (EPIC) को मान्य करे।  अदालत ने कहा कि जब मतदाता पंजीकरण फॉर्म में आधार पहले से अनिवार्य रूप से मांगा जा रहा है, तो फिर चुनाव आयोग उसे दस्तावेज मानने से इनकार क्यों कर रहा है?

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    न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा, 'कोई भी दस्तावेज फर्जी हो सकता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हम सभी दस्तावेजों को नकार दें. अगर कोई फर्जी दस्तावेज पाए जाए, तो उस पर उचित कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन उसे पहले से ही अमान्य घोषित कर देना उचित नहीं'।

    मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए दोनों दस्तावेज पर्याप्त: कोर्ट

    पीठ ने आगे चुनाव आयोग के 'बहिष्कारी रुख' पर चिंता जताते हुए पूछा कि आधार और वोटर आईडी (EPIC) जैसे आधिकारिक दस्तावेजों को मतदाता पहचान के लिए स्वीकार न करना किस आधार पर हो रहा है। अदालत ने कहा कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए दोनों दस्तावेज पर्याप्त और विश्वसनीय हैं और उन्हें सत्यापन प्रक्रिया का हिस्सा बनाया जाना चाहिए।

    हालांकि, कोर्ट ने बिहार में मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और कहा कि वह निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ याचिकाओं पर एक बार निर्णय करेगा। इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ कर रही है।

    पीठ ने कहा कि वह 29 जुलाई को मामले की अंतिम सुनवाई के लिए समय तय करेगी।

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