डिफेंस कॉलोनी आरडब्ल्यूए को सुप्रीम कोर्ट का आदेश, 40 लाख हर्जाना देना होगा
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी आरडब्ल्यूए को 15वीं सदी के ऐतिहासिक स्मारक शेख अली की गुमटी पर छह दशक पुराने अवैध कब्जे के लिए 40 लाख रुपये हर्जाना देने का निर्देश दिया है। यह राशि दिल्ली सरकार के पुरातत्व विभाग को दी जाएगी जो स्मारक की देखरेख करताहै। अदालत ने स्मारक के मूल स्वरूप की बहाली के लिए पुरातत्व विभाग को कमेटी गठित करने के निर्देश भी दिए।

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी की आरडब्ल्यूए (रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन) को लोधी काल के स्मारक शेख अली की गुमटी से छह दशक पुराने अवैध कब्जे के हर्जाने के तौर पर 40 लाख रुपये पुरातत्व विभाग को देने को कहा है।
15वीं सदी का यह स्मारक पुरातत्व विभाग की देखरेख में होने के बावजूद डिफेंस कॉलोनी की आरडब्ल्यूए के कब्जे में है। इस मामले पर अगली सुनवाई आठ अप्रैल को होनी है।
पुरातत्व विभाग को मिलेगी हर्जाने की रकम
जस्टिस सुधांशु धूलिया और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने इस अवधि की लागत को माफ करने से इनकार कर दिया है। खंडपीठ ने कहा कि उचित यही होगा कि आरडब्लूए 40 लाख रुपये का हर्जाना दिल्ली सरकार से संबद्ध पुरातत्व विभाग को दे दे।
यह विभाग इस स्मारक की देखरेख और मरम्मत का काम करता है। इससे पहले सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि आरडब्ल्यूए बताए कि क्यों न स्मारक पर अवैध कब्जे के लिए उस पर हर्जाना लगाया जाए। साथ ही स्मारक के मूल स्वरूप की बहाली के लिए पुरातत्व विभाग को एक कमेटी गठित करने को कहा गया है।
एएसआई को अदालत की फटकार
अदालत ने दिल्ली में कला और सांस्कृतिक विरासत के लिए भारतीय राष्ट्रीय न्यास की पूर्व संयोजक स्वपना लिडिल को स्मारक के सर्वे और निगरानी के लिए नियुक्त किया है। उल्लेखनीय है कि खंडपीठ ने नवंबर, 2024 में एएसआइ को इस स्मारक में आरडब्लूए का कार्यालन होने पर फटकार लगाई थी।
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