यूपी समेत उत्तरी राज्यों में दक्षिण के नंदिनी दूध ने दी दस्तक, हाथरस के प्लांट में हो रही पैकेजिंग
राजस्थान तथा हरियाणा में भी इसकी शुरुआत होने जा रही है। पहले चरण में पश्चिमी यूपी पर जोर है और इसीलिए हमने हर घर नंदिनी अभियान शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि ताजमहल नगरी आगरा की विरासत तथा हमारी संस्कृति की पहचान नंदिनी की विशिष्टता को देखते हुए दूध महल नाम से नंदिनी का एक्सक्लूसिव मिल्क पार्लर आगरा में खोला गया है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दक्षिण की प्रसिद्ध सहकारी दूध उत्पादक कंपनी कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने राजधानी दिल्ली के बाद अब उत्तरप्रदेश तथा उत्तराखंड समेत कुछ अन्य उत्तरी राज्यों में अपने सबसे प्रसिद्ध ब्रांड 'नंदिनी' के गाय का दूध तथा अन्य दूध उत्पादों को लोगों को उपलब्ध कराने की शुरुआत कर दी है। खास बात यह है कि नंदिनी गाय का दूध कर्नाटक के मंडया जिले से उत्तर में लाया जा रहा है और केएमएफ ने विशेष रूप से उत्तरप्रदेश में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए 'हर घर नंदिनी' अभियान गुरुवार को लांच कर दिया।
अमूल के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी सहकारी डेयरी केएमएफ के उत्तरप्रदेश समेत अन्य उतरी राज्यों में इस लांच की शुरूआत राजधानी स्थित कंस्टीच्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में केएमएफ से जुड़े मनमूल के मैनेजिंग डायरेक्टर डा पीआर मंजेश तथा पूर्व सांसद मलूक नागर ने किया। इस मौके पर नंदिनी के उत्तर भारत के वितरकों के साथ संवाद हुआ और इसके बाद नंदिनी के स्ट्रैटिजक हेड नार्थ इंडिया अमित सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि शुद्धता की पहचान नंदिनी दूध को दिल्ली-एनसीआर के साथ ही अब उत्तरप्रदेश तथा उत्तराखंड में उपलब्ध करा रहे हैं।
राजस्थान तथा हरियाणा में भी इसकी शुरुआत होने जा रही है। पहले चरण में पश्चिमी यूपी पर जोर है और इसीलिए हमने हर घर नंदिनी अभियान शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि ताजमहल नगरी आगरा की विरासत तथा हमारी संस्कृति की पहचान नंदिनी की विशिष्टता को देखते हुए 'दूध महल' नाम से नंदिनी का एक्सक्लूसिव मिल्क पार्लर आगरा में खोला गया है। दूध महल नंदिनी के लिए उत्तर में विशिष्ट पहचान बनेगा हमें ऐसी उम्मीद है।
उत्तर-दक्षिण जुड़ाव को गहरा करने के लिए नंदिनी का शुद्ध तथा अपेक्षाकृत किफायती दूध उत्तर भारत में निर्बाध रूप से उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता जताते हुए अमित सिंह ने बताया कि कर्नाटक के मांडया जिले से गाय का दूध उत्तर भारत लाया जाना इसका प्रमाण है। प्रसाद बनाने में मिलावटी घी का मामला सामने आने के बाद प्रसिद्ध तिरूपति मंदिर प्रबंधन ने नंदिनी गाय के घी को ही चुना। पटना के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर के प्रसाद निर्माण में भी काफी वर्षों से नंदिनी घी का उपयोग ही किया जाता है जो इसकी शुद्धता तथा गुणवत्ता की मिसाल हैं।
उन्होंने कहा कि नंदिनी दूध के वितरण तथा पैकेजिंग के लिए उत्तरप्रदेश के हाथरस जिले के सासनी में प्लांट लेकर को-पैकिंग कर रहे हैं। इस प्लांट की क्षमता प्रति दिन 1.50 लाख लीटर की है। रोहतक में दूसरा प्लांट हरियाणा कॉपरेटिव का है जहां प्रति दिन 1.0 लाख लीटर दूध की है। अमित सिंह ने कहा कि उत्तरप्रदेश समेत जिन अन्य राज्यों में नंदिनी दूध उपलब्ध कराने की शुरुआत हुई है वहां सैकड़ों की संख्या में रोजगार का सृजन भी हो रहा है। डेयरी क्षेत्र के पेशवरों को जहां रोजगार मिल रहा, वहीं वितरकों, सप्लाई चेन से जुड़े लोगों को भी काम के अवसर मिल रहे हैं।
नंदिनी की गुणवत्ता में किसी तरह के समझौते की गुंजाइश नहीं होने की चर्चा करते हुए अमित सिंह ने बताया कि दूध का मेथिलीन ब्लू रिडक्शन टेस्ट (एमबीआरटी) किया जाता है जो बताता है कि पांच-छह घंटे सामान्य तापमान में बाहर रहने पर भी दूध नहीं फटेगा। मालूम हो कि नंदिनी ब्रांड के राजधानी दिल्ली में लांच की शुरुआत पिछले साल नवंबर में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने की थी।
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