सुप्रीम कोर्ट के 30 जज ने पब्लिक कर दी अपनी संपत्ति, इतने न्यायधीशों की घोषणा अब भी बाकी; इस वजह से लिया गया फैसला
सुप्रीम कोर्ट के सभी 33 न्यायाधीशों ने अपनी संपत्ति घोषित करने का निर्णय लिया है। प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना सहित 30 न्यायाधीशों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा सौंप दिया है जबकि तीन न्यायाधीशों के विवरण लंबित हैं। इस जानकारी को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर सार्वजनिक किया जा सकता है। यह फैसला न्यायपालिका में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए लिया गया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने फिर एक कदम बढ़ाया है। प्रधान न्यायाधीश सहित सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा सभी 33 न्यायाधीशों ने अपनी संपत्ति की घोषणा करने और ब्योरा सार्वजनिक करने का निर्णय लिया है।
इतना ही नहीं प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना सहित 30 न्यायाधीशों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा मुख्य न्यायाधीश को दे दिया है। तीन न्यायाधीशों के नाम अभी नहीं आए हैं। इसे सुप्रीम कोर्ट वेबसाइट पर अपलोड किया जा सकता है कि क्योंकि सार्वजनिक करने का विकल्प स्वैच्छिक रखा गया है।
फुल कोर्ट मीटिंग में प्रस्ताव पारित कर लिया गया फैसला
फिलहाल केवल उन न्यायाधीशों के नाम सार्वजनिक किए गए हैं जिन्होंने संपत्ति का ब्यौरा दिया है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने फुल कोर्ट मीटिंग में प्रस्ताव पारित कर यह निर्णय लिया है। हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के घर से कथित तौर पर भारी मात्रा में नगदी मिलने के विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों द्वारा पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा करने का लिया गया यह निर्णय महत्वपूर्ण है। हालांकि यह पहला मौका नहीं है जबकि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने संपत्ति घोषणा का और उस घोषणा को स्वैच्छिक रूप से वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्णय लिया हो।
2009 में भी लिया गया था ऐसा फैसला
2009 में भी सुप्रीम कोर्ट ने फुल कोर्ट मीटिंग में ऐसा ही महत्वपूर्ण निर्णय लिया था और उस समय भी न्यायाधीशों ने अपनी संपत्ति की घोषणा की थी और उसे सार्वजनिक भी किया गया था, हालांकि संपत्ति की घोषणा स्वैच्छिक थी।
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट वेबसाइट पर बताया गया है कि फुल कोर्ट मीटिंग में प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना सहित सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीशों ने अपनी संपत्ति घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया है। पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि पद ग्रहण करने के बाद न्यायाधीश अपनी संपत्ति प्रधान न्यायाधीश को घोषित करेंगे। जब भी महत्वपूर्ण संपत्ति अर्जित करेंगे तब भी उसकी घोषणा की जाएगी। संपत्ति की घोषणा प्रधान न्यायाधीश भी करेंगे।
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