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    ओवैसी और मसूद को मानहानि का नोटिस भेंजेंगे नसीरूद्दीन चिश्ती, वक्फ संशोधन विधेयक को इस मुस्लिम नेता ने बताया ऐतिहासिक

    वक्फ संशोधन विधेयक को विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों का समर्थन मिल रहा है। भारतीय बौद्ध संघ चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया और राष्ट्रवादी मुस्लिम पसमांदा महाज ने इसे ऐतिहासिक और लोकतंत्र को मजबूत करने वाला बताया। अजमेर दरगाह के दीवान और गुलाम नबी आजाद ने भी इसकी सराहना की जबकि ओवैसी और मसूद के बयानों पर विवाद बढ़ गया है।

    By Jagran News Edited By: Chandan Kumar Updated: Thu, 03 Apr 2025 08:34 PM (IST)
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    अजमेर दरगाह के दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन ने वक्फ संशोधन विधेयक को जरूरी बताया था। (फोटो सोर्स- X)

    जागरण टीम, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर बौद्ध, ईसाई और पसमांदा समेत समाज के अन्य वर्गों ने ऐतिहासिक, आपसी भाईचारा को बढ़ाने और लोकतंत्र को मजबूत करने वाला बताया है। भारतीय बौद्ध संघ, द चर्च आफ नार्थ इंडिया व राष्ट्रवादी मुस्लिम पसमांदा महाज जैसे संगठनों ने कहा कि विधेयक से वक्फ के मनमाने असंवैधानिक अधिकारों पर लगाम लगेगी।

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    भारतीय बौद्ध संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भंते संघप्रिय राहुल ने कहा कि विधेयक से वक्फ बोर्ड की दादागीरी पर लगाम लगाई जा सकेगी। उसके कब्जे में जा रही बौद्ध संपत्तियों को बचाया जा सकेगा। अहमदाबाद के कालूपुर में बौद्धों के बुद्ध विहार समेत महाराष्ट्र तथा उत्तर प्रदेश में ऐसी कई बौद्ध संपत्तियां हैं, जिसे अपना बताते हुए वक्फ बोर्ड ने कब्जा कर लिया है।

    उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकारों ने वोट बैंक के लिए वक्फ को असाधारण शक्तियां दीं। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने पाकिस्तान जाने वाले मुसलमानों की जमीनों को वक्फ को सौंप दिया, जबकि देश में आए हिंदुओं की जमीनों को पाकिस्तान ने अपने कब्जे में लिया।

    द चर्च आफ नार्थ इंडिया ने क्या कहा?

    द चर्च आफ नार्थ इंडिया (सीएनआइ) के प्रवक्ता प्रांजल मसीह ने कहा कि मौजूदा वक्फ कानून देश के संविधान को चुनौती दे रहा था। अगर वक्फ ने किसी की भी संपत्ति पर दावा कर दिया तो जिसकी जमीन है उसे वक्फ ट्रिब्यूनल में साबित करना पड़ता था कि दावे वाली जमीन उसकी है। अब ऐसे मामलों में न्याय की उम्मीद रहेगी।

    राष्ट्रवादी मुस्लिम पसमांदा महाज के अध्यक्ष आतिफ रशीद ने कहा कि संशोधन विधेयक से भू माफिया और मुस्लिम समाज के ठेकेदारों से मुक्ति मिलेगी। अब विधेयक पारित होने पर पिछड़ी, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति से आने वाले अशराफ मुस्लिम समाज के साथ जरूरतमंद महिलाओं व बच्चों को लाभ मिलेगा।

    वक्फ बोर्ड में सिर्फ मुकदमेबाजी

    बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने संशोधन विधेयक का समर्थन करते वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। अलीगढ़ में मंगलायतन विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करने के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने इसमें संशोधन को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि मंत्री रहते वक्फ बोर्ड में मुकदमों के अलावा कुछ नहीं देखा। वहां कोई काम नहीं होता था। बोर्ड की इतनी संपत्ति फिर भी भत्ता, वेतन तक देने के लिए पैसा नहीं? पैसा कहां गया? कहीं न कहीं गड़बड़ है।

    वक्फ की जमीनों को बचाने के लिए भी जरूरी है कानून: गुलाम नबी

    जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वक्फ की जमीनों को बचाने के लिए कानून जरूरी है। जमीन जिस मकसद के लिए वक्फ को दी जाती है, उसका लाभ मिले। वक्फ की जिस जमीन पर कब्जा है, वह हटना चाहिए।

    ओवैसी व मसूद को मानहानि का नोटिस भेंजेंगे नसीरूद्दीन चिश्ती

    अजमेर दरगाह के दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन ने वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने पर खुशी जताते हुए कहा कि यह आवश्यक था। कुछ लोग कह रहे हैं कि इससे मस्जिद, कब्रिस्तान और खानकाहें छिन जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं है। दरगाह दीवान के पुत्र और आल इंडिया सुफी सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष नसीरूद्दीन चिश्ती ने एआइएमआइएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस सांसद इमरान मसूद को मानहानि का नोटिस भेजने की बात कही है। दरअसल, ईद के दिन नसीरूद्दीन ने वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करते बयान दिया था। इस पर ओवैसी और मसूद ने कहा था कि दरगाह दीवान सरकार के नौकर हैं।

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