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    31 जुलाई का आर्डर 20 अगस्त तक वेबसाइट पर नहीं हुआ अपलोड, SC ने जब्त कराई HC के स्टेनो की डायरी

    Updated: Sun, 31 Aug 2025 08:00 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के फैसले को अपलोड करने में हुई देरी पर ध्यान दिया। कोर्ट ने न्यायाधीश के सचिव की स्टेनो बुक जब्त करने का आदेश दिया ताकि यह स्पष्ट हो सके कि आदेश कब टाइप किया गया था। पीठ ने एनआईसी से रिपोर्ट मांगी और मामले की जांच पर जोर दिया।

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    SC ने जब्त कराई HC के स्टेनो की डायरी

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत अर्जी खारिज करने के फैसले को अपलोड करने में हुई देरी पर गंभीरता से संज्ञान लिया है। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की पीठ ने न्यायाधीश के सचिव की स्टेनो बुक जब्त करने का आदेश दिया ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि आदेश कब टाइप किया गया और उसमें कब सुधार किया गया।

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    पीठ ने बताया कि यह फैसला 31 जुलाई 2025 का था, लेकिन इसे 20 अगस्त तक हाई कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया। पीठ ने मामले की विवेकपूर्ण जांच की आवश्यकता पर जोर देते हुए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी) से रिपोर्ट मांगी। 20 अगस्त को मामले पर विचार करते हुए पीठ ने हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से रिपोर्ट मांगी थी। 29 अगस्त को सुनवाई के दौरान, पीठ ने कहा कि रजिस्ट्रार जनरल ने 22 अगस्त को सचिव से स्पष्टीकरण मांगा था और सचिव ने उसी दिन जवाब दिया।

    शीर्ष अदालत ने कहा कि सचिव ने आदेश अपलोड किए जाने के समय के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी और उन्होंने सिर्फ इतना बताया था कि न्यायाधीश एक अगस्त से 20 अगस्त के बीच कुछ चिकित्सा प्रक्रिया एवं सर्जरी से गुजरे थे। पीठ ने कहा- 'सचिव की ओर से स्पष्टीकरण दिए जाने की तिथि पर आदेश अपलोड किया गया था। हालांकि, इस तथ्य का जिक्र उन्होंने ही किया था। ऐसा प्रतीत होता है कि यह आदेश 31 जुलाई को पारित नहीं किया गया था, बल्कि वास्तव में यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिया गया था।'

    सुप्रीम कोर्ट ने जब्त कराई हाई कोर्ट के स्टेनो की डायरी

    पीठ ने कहा कि सचिव की स्टेनो बुक जब्त की जाए और यह पता लगाया जाए कि आदेश कब टाइप किया गया और कब पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) पर इसमें सुधार किया गया। शीर्ष अदालत ने एक व्यक्ति की अग्रिम जमानत खारिज करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। इस मामले में हरियाणा राज्य सहित सभी पक्षों को नोटिस जारी किया गया है और सुनवाई चार हफ्ते बाद निर्धारित की गई है।

    वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया आदेश

    पीठ ने निर्देश दिया कि इस बीच, फरीदाबाद में दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी, बशर्ते वह जांच में सहयोग करे। याचिकाकर्ता ने 20 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि हाई कोर्ट की ओर से 31 जुलाई को पारित आदेश उसकी वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया है।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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