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    नाबालिग से दुष्कर्म मामले में निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा के बच्चों को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी अग्रिम जमानत

    नाबालिग से दुष्कर्म मामले में सुप्रीम कोर्ट (SC ) ने दिल्ली सरकार के निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा ( suspended Delhi govt officer ) की बेटी और बेटे को अग्रिम जमानत दे दी है। बता दें कि प्रेमोदय खाखा के बेटे और बेटी ने ट्रायल कोर्ट से राहत हासिल करने में विफल रहने के बाद मामले में गिरफ्तारी से पहले जमानत की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

    By Agency Edited By: Nidhi Avinash Updated: Tue, 09 Jan 2024 12:17 PM (IST)
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    निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा के बच्चों को बड़ी राहत (Image: ANI)

    पीटीआई, नई दिल्ली। नाबालिग से दुष्कर्म मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा की बेटी और बेटे को अग्रिम जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने यह कहते हुए राहत दी कि याचिकाकर्ता जांच में शामिल हुए थे।

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    पीठ ने सोमवार को एक आदेश में कहा कि बयान को पढ़ने और दोनों पक्षों के वकीलों को सुनने और रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों को देखने के बाद, हमारा विचार है कि इन विशेष अनुमति याचिकाओं का निपटारा किया जा सकता है। पीठ ने सीआरपीसी की धारा 438 (2) के तहत निर्धारित शर्तों के अधीन, 25,000 रुपये के बांड प्रस्तुत करने पर उनकी गिरफ्तारी की स्थिति में याचिकाकर्ताओं को जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया।

    11 अक्टूबर को जमानत देने से किया था इनकार

    याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील शुभाशीष आर सोरेन और भक्ति सिंह उपस्थित हुए। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले साल 11 अक्टूबर को खाखा की बेटी और बेटे को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि प्रथम दृष्टया इस चरण में उनसे 'व्यापक पूछताछ' की आवश्यकता है। इससे पहले पीठ ने माना था कि भाई-बहन को पहले जमानत देना विवेकपूर्ण नहीं होगा।

    उच्च न्यायालय का खटखटाया था दरवाजा

    बता दें कि प्रेमोदय खाखा के बेटे और बेटी ने ट्रायल कोर्ट से राहत हासिल करने में विफल रहने के बाद मामले में गिरफ्तारी से पहले जमानत की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। खाखा ने कथित तौर पर नवंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच नाबालिग लड़की से कई बार दुष्कर्म किया और अगस्त में गिरफ्तारी के बाद से वह फिलहाल जेल में है।

    पुलिस ने कहा था कि नाबालिग आरोपी के परिचित व्यक्ति की बेटी थी। अधिकारी की पत्नी सीमा रानी, जिसने कथित तौर पर लड़की को गर्भावस्था समाप्त करने के लिए दवा दी थी, भी इस मामले में आरोपी है। वह भी न्यायिक हिरासत में है।

    लगाई गई ये धाराएं

    पीड़िता द्वारा अस्पताल में मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराने के बाद दंपति को गिरफ्तार कर लिया गया। POCSO अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (एफ) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 313 (महिला की सहमति के बिना गर्भपात करना) और 120 बी (आपराधिक साजिश) भी लगाई गई है।

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