'सरकार ऐसी शर्तें नहीं लिख सकती जो...', सुप्रीम कोर्ट ने टेंडर को लेकर कही बड़ी बात
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार बिना उचित कारण के बाहरी लोगों के लिए बाजार बंद नहीं कर सकती। जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आलोक अराधे की पीठ ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जारी निविदाओं को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की। पीठ ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के द्वार सभी के लिए खुले होने चाहिए।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि सरकार बिना किसी उचित कारण के बाहरी लोगों के लिए बाजार बंद नहीं कर सकती और निविदा में शर्तें लिखने के अपने अधिकार का प्रयोग संवैधानिक गारंटियों का उल्लंघन करने के लिए नहीं कर सकती।
जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आलोक अराधे की पीठ ने सरकारी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, उच्च और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों को खेल किट की आपूर्ति करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जारी निविदाओं को रद करते हुए यह टिप्पणी की।
पीठ ने क्या कहा?
पीठ ने कहा कि समान अवसर के सिद्धांत के अनुसार प्रतिस्पर्धा के द्वार सभी समान स्थिति वालों के लिए खुले होने चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि निविदा नोटिस में उल्लिखित पात्रता मानदंडों का उसे जारी करने के उद्देश्य से तर्कसंगत संबंध होना चाहिए, अर्थात स्कूली छात्रों को सर्वोत्तम मूल्य पर अच्छी गुणवत्ता वाली खेल किट उपलब्ध कराना।
छत्तीसगढ़ सरकार की एजेंसियों पर क्या कहा?
कोर्ट ने कहा, वर्तमान मामले में निविदा शर्त का प्रभाव उन बोलीदाताओं को बाहर करने का है जो आर्थिक और तकनीकी रूप से सक्षम हैं, लेकिन उन्हें पिछले तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ सरकार की एजेंसियों को खेल सामग्री की आपूर्ति का कोई अनुभव नहीं है। यह शर्त उन बोलीदाताओं के मौलिक अधिकारों का हनन करती है।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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