संदेसरा बंधुओं पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, विजय माल्या और नीरव मोदी की राह होगी आसान ा
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, संदेसरा बंधुओं द्वारा 5100 करोड़ रुपये का एकमुश्त भुगतान करने पर ईडी, सीबीआई जैसे सभी मामले रद्द हो जाएंगे। जांच एजेंसियां इसे आर्थिक अपराधियों के मामलों को निपटाने की दिशा में एक नई पहल मान रही हैं। बैंकों को पहले ही 4700 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। विजय माल्या और नीरव मोदी भी इसी तरह के मामलों में राहत पाने की कोशिश कर सकते हैं।
-1764081382033.webp)
सुप्रीम कोर्ट का फैसला।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। स्टर्लिंग ग्रुप के मालिक संदेसरा भाइयों (नीतीन संदेसरा और चेतन संदेसरा) द्वारा 5100 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐसे ही आरोपों में घिरे विजय माल्या और नीरव मोदी की राह आसान कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने 5100 करोड़ रुपए के एकमुश्त निपटारा करने की स्थिति ईडी, सीबीआई, आयकर, एसएफआइओ के सभी केस खत्म करने का फैसला दिया है। पिछले आठ सालों से संदेसरा भाइयों के मामले की जांच कर रही एजेंसियां इस फैसले को भगोड़े आर्थिक अपराधियों के मामले को निपटाने की दिशा में नई शुरूआत मान रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट के फैसले की गहराई से आकलन करने वाले जांच एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीबीआई की एफआईआर में कुल बैंकों को 5100 करोड़ रुपए के चूना लगाने का आरोप था। सुप्रीम कोर्ट ने भी 17 दिसंबर तक 5100 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया है। लेकिन बैकों को पहले ही 4700 करोड़ रुपये वापस हो चुके हैं। इनमें से 3507 करोड़ रुपये संदेसरा भाइयों ने समय-समय पर बैंकों को वापस किया था और 1192 करोड़ रुपये ईडी ने उनकी संपत्तियों को जब्ती कर बैंकों को वापस लौटाया था।
ईडी की कार्रवाई को माना जा रहा अहम
इस तरह से 5100 करोड़ रुपये के घोटाले में संदेसरा भाइयों को बैंकों को कुल 9800 करोड़ रुपये वापस हो जाएंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी के बैंकों के लिए घोटाले से लगभग दोगुनी रकम की वापसी के साथ मामले को समाप्त करने के फैसले को सही ठहराया। वैसे संदेसरा भाइयों को इतनी भारी रकम चुकाकर केस को रफा-दफा करने के पीछे ईडी की कार्रवाई को अहम माना जा रहा है। ईडी ने ग्रुप को देश विदेश में फैली 14550 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली थी और दोनों भाइयों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करा लिया था।
संदेसरा भाइयों का मामला दूसरे मामलों के लिए नहीं बन सकता नजीर
वैसे सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि संदेसरा भाइयों के मामले दिये फैसले को इसी तरह से दूसरे मामलों में नजीर नहीं बनाया जा सकता है। लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों की माने तो आर्थिक अपराधियों के मामले में इस नई शुरूआत को यहीं तक नहीं रोका जा सकता है। लंदन से प्रत्यर्पण का सामना कर रहे कारेाबारी विजय माल्या भी 6,203 करोड़ के घोटाले को खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं।
माल्या ने साफ किया है कि कर्ज वसूली न्यायाधिकरण द्वारा निर्धारित 1200 करोड़ के ब्याज समेत उनकी कुल देनदारी 7403 करोड़ रुपये की बनती है। जबकि ईडी उनकी 14,031 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है। अब विजय माल्या संदेसरा भाइयों के फैसले का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट से मामले की सुलटाने की कोशिश कर सकते हैं।
माल्या की तरह ब्रिटेन से प्रत्यर्पण का सामना कर रहे नीरव मोदी का केस थोड़ा जटिल है। 14000 करोड़ रुपये घोटाले के आरोपी नीरव मोदी के मामले में रिकवरी की गति धीमी है और अभी तक केवल 1500 करोड़ रुपये की रिकवरी हुई है। जाहिर है नीरव मोदी और बेल्जियम से प्रत्यर्पण का सामना कर रहे उसके मामा मेहुल चौकसी को संदेसरा की तरह राहत पाने के लिए बैंकों को भारी रकम चुकानी होगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।